एक झटके में ठुकरा दी लाखों की नौकरी, फिर ऐसे की UPSC Exam की तैयारी; पहले प्रयास में ही बन गए IAS
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एक झटके में ठुकरा दी लाखों की नौकरी, फिर ऐसे की UPSC Exam की तैयारी; पहले प्रयास में ही बन गए IAS

IAS Officer Dheeraj Kumar Singh Success Story: एमडी की डिग्री पूरी करने के बाद धीरज कुमार सिंह (Dheeraj Kumar Singh) के पास हर महीने करीब 5 लाख रुपये कमाने का मौका था, लेकिन उन्होंने नौकरी नहीं करने का फैसला नहीं किया और पहली बार में ही सिविल सर्विस एग्जाम (CSE) को क्रैक कर लिया और आईएएस अफसर बन गए.

धीरज कुमार सिंह ने 64वीं रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बन गए.

नई दिल्ली: आईएएस (IAS) बनने का सपना देखने वाले लाखों छात्र हर साल संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं, कुछ छात्रों को ही सफलता मिल पाती है. ऐसी ही कहानी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले धीरज कुमार सिंह (Dheeraj Kumar Singh) की है, जिन्होंने पहली बार में परीक्षा को क्रैक कर लिया और आईएएस अफसर बन गए. हालांकि धीरज के लिए आईएएस अफसर बनना इतना आसान नहीं था और उन्होंने अपने सफर में कई कठिनाइयां देखी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.

  1.  धीरज सिंह 12वीं के बाद बने डॉक्टर
  2. अधिकारियों ने नहीं सुनी तो IAS बनने की ठानी
  3. लाखों की नौकरी छोड़ IAS बनने का फैसला किया

12वीं के बाद बने डॉक्टर

धीरज कुमार सिंह (Dheeraj Kumar Singh) शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से की थी. 12वीं में अच्छे नंबर लाने के बाद धीरज ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लिया और इसके बाद यहीं से उन्होंने अपनी एमडी की डिग्री भी पूरी की.

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अधिकारियों ने नहीं सुनी तो IAS बनने की ठानी

धीरज कुमार सिंह (Dheeraj Kumar Singh) की मां गांव में रहती थीं और वह अक्सर बीमार रहती थीं. धीरज वाराणसी में रहकर पढ़ाई करते थे, जबकि उनके पिता दूसरे शहर में नौकरी करते थे. इस वजह से उन्हें मां की देखभाल के लिए अक्सर गांव जाना पड़ता था. कई बार तो उन्हें हर हफ्ते घर जाना पड़ता था और इस वजह से एमडी की पढ़ाई भी प्रभावित होती थी. इसके बाद धीरज ने अधिकारियों से मिलकर पिता का ट्रांसफर होम टाउन करवाने की गुजारिश की, लेकिन अधिकारियों ने उनकी कोई मदद नहीं और उनका बिहेवियर काफी रूड थे. धीरज को यह बात यह बहुत बुरी लगी और कि डॉक्टर होने के बावजूद उनकी बात नहीं सुनी गई. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस में जाने का फैसला किया.

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लाखों की नौकरी छोड़ने का फैसला

एमडी की डिग्री पूरी करने के बाद धीरज कुमार सिंह (Dheeraj Kumar Singh) के पास हर महीने करीब 5 लाख रुपये कमाने का मौका था, लेकिन उन्होंने नौकरी नहीं करने का फैसला नहीं किया. धीरज के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन वह मन बना चुके थे कि अब वे आईएएस बनकर ही रहेंगे. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी.

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घरवालों ने किया विरोध

पढ़ाई खत्म करने के बाद धीरज कुमार सिंह (Dheeraj Kumar Singh) ने जब यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने का फैसला किया तो घरवालों ने इस फैसले का विरोध किया. उन्होंने कहा कि इतनी अच्छी नौकरी और अच्छी सैलरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी क्यों करनी है? धीरज को उनके दोस्तों ने भी समझाया और नौकरी करने के लिए कहा, लेकिन धीरज अपने फैसले पर कायम रहे और सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी.

पहले प्रयास में ही बन गए आईएएस

धीरज कुमार सिंह (Dheeraj Kumar Singh) ने जब यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की तो यह ठान लिया कि अगर वह पहले ही अटेम्प्ट में पास नहीं हुए तो अपने पुराने पेशे में लौट आएंगे. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और अंत में उनकी मेहनत रंग लाई. धीरज ने पहले प्रयास में ही साल 2019 में 64वीं रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बन गए.

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