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नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद हर साल देशभर के लाखों छात्र इसमें शामिल होते हैं. हालांकि हर साल बहुत कम छात्र ही इसे क्लियर कर पाते हैं. इस परीक्षा को पास करना आसान नहीं होता और कई बार असफल होने के बाद कड़ी मेहनत कर दोबारा परीक्षा देते हैं. ऐसी ही कुछ कहानी आईएएस अफसर अमित काले (Amit Kale) की है.
अमित काले (Amit Kale) ने साल 2014 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी और प्रीलिम्स परीक्षा पास कर लिया, लेकिन फाइनल राउंड तक नहीं पहुंच पाए. दूसरे प्रयास में भी उन्हें प्रीलिम्स परीक्षा में सफलता मिली, लेकिन एक बार फिर फाइनल में अटक गए. तीसरे प्रयास में अमित काले को सफलता मिली, लेकिन उनकी रैंक अच्छी नहीं आई और वो आईएएस नहीं बन पाए.
इसके बाद भी अमित काले (Amit Kale) ने चौथी बार परीक्षा देने का फैसला किया और बेहद खास रणनीति अपनाकर सिविल सेवा में सफलता हासिल की. साल 2018 में 212वीं रैंक लाकर आईएएस बनने का सपना पूरा किया. खास बात रही कि अमित काले ने सभी चार प्रयासों में प्रारंभिक परीक्षा को पास किया.
अमित काले (Amit Kale) के अनुसार, यूपीएससी परीक्षा देने वाले एक उम्मीदवार को पहले अपनी ताकत, कमजोरियों और क्षमताओं के बारे में पता होना चाहिए. इसी के अनुसार तैयारी के साथ आगे बढ़ना चाहिए. अमित काले ने कहा कि दूसरों को देखकर तैयारी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हर कोई अलग होता है.
DNA की रिपोर्ट के अनुसार, अमित काले (Amit Kale) ने बताया, 'यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए सबसे पहले स्टडी मेटेरियल तैयार किया और पता लगाया कि वो किस सब्जेट में कमजोर हैं व किस सब्जेक्ट में मजबूत हैं.' उन्होंने आगे बताया, 'स्टडी मेटेरियल तैयार करने के बाद सबसे आसान सब्जेट की तैयारी की और फिर बाद में कठिन विषयों पर फोकस किया. लेकिन हर किसी को अपने तरीके तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि उनकी क्षमताओं के अनुसार सब्जेक्ट कठिन या आसान लग सकते हैं.'
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