Trending Photos
नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC Civil Services Exam) में हर साल लाखों छात्र शामिल होते हैं, लेकिन सफलता कुछ छात्रों को ही मिल पाती है. हालांकि असफलता के बाद भी कुछ ऐसे स्टूडेंट होते हैं, जो लगातार प्रयास करते रहते हैं और हर हाल में कामयाबी हासिल करते हैं. ऐसी ही कुछ कहानी आईएएस अफसर गुंजन द्विवेदी (Gunjan Dwivedi) की है, जिन्होंने पांच साल के लंबे संघर्ष के बाद आईएएस बनने का सपना पूरा किया.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली गुंजन द्विवेदी (Gunjan Dwivedi) के पिता आईपीएस अफसर थे. इसके अलावा गुंजन की बहन भी एक सिविल सर्वेंट है, इस वजह से उनका शुरू से ही सिविस सर्विस की तरफ रुझान था और इंटरमीडिएट (Class 12th) के बाद ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) की तैयारी करेंगी.
ये भी पढ़ें- इंटरनेट से तैयारी कर 4 बार फेल हुई ये लड़की, पांचवीं बार मिली 10वीं रैंक; फिर बनीं IAS
गुंजन द्विवेदी (Gunjan Dwivedi) की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ से हुई और उन्होंने 12वीं पास करने के साथ ही सिविल सर्विस में जाने का मन बना लिया था. इसके बार साल 2014 में ग्रेजुएशन करने के बाद गुंजन ने यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) की तैयारी शुरू कर दी.
DNA की रिपोर्ट के अनुसार, 2 साल की तैयारी के बाद गुंजन द्विवेदी (Gunjan Dwivedi) ने साल 2016 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं और उन्होंने दोबारी एग्जाम देने का फैसला किया. हालांकि दूसरे प्रयास में भी उन्हें सफलता नहीं मिली.
ये भी पढ़ें- पिता को कैंसर था, फिर भी नहीं हारी हिम्मत; सिर्फ 22 साल की उम्र में IAS बन गई ये लड़की
यूपीएससी एग्जाम में लगातार दो बार बार असफल होने के बाद भी गुंजन द्विवेदी (Gunjan Dwivedi) ने हौंसला बनाए रखा और दोबारा अपनी रणनीति तैयार की. इसके बाद साल 2018 के एग्जाम में गुंजन को सफलता मिली और ऑल इंडिया में 9वीं रैंक हासिल की. इसके साथ ही 5 साल के लंबे संघर्ष के बाद गुंजन आईएएस अफसर बनने में सफल रहीं.
गुंजन द्विवेदी (Gunjan Dwivedi) का कहना है कि यूपीएएससी एग्जाम की तैयारी के लिए सबसे पहले एनसीईआरटी की किताबों से बेस मजबूत करना चाहिए और अगर शुरू से ऐसा करते हैं तो बाद में काफी फायदेमंद साबित होगा. गुंजन कहती हैं कि अपनी तैयारी का समय-समय पर एनालिसिस करना भी काफी जरूरी होता है. इसके लिए मॉक टेस्ट देते रहें. इसके साथ ही सिलेबस कंप्लीट करने के बाद ज्यादा से ज्यादा रिवीजन करें और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करना ना भूलें.