आईएएस या आईपीएस? जानें कौन होता है ज्यादा पावरफुल और क्या है दोनों में अंतर
Advertisement
trendingNow1992900

आईएएस या आईपीएस? जानें कौन होता है ज्यादा पावरफुल और क्या है दोनों में अंतर

Difference between IAS and IPS Administrative Power: संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा (UPSC Exam) पास करने के बाद ही आईएएस, आईपीएस, आईईएस या आईएफएस अधिकारी पर चयन होता है. इन सभी अधिकारियों का काम अलग होता है और उनकी अलग-अलग भूमिकाएं होती हैं.

आईएएस अफसर प्रियंका शुक्ला और आईपीएस अफसर डी रूपा मोदगिल. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन एग्जाम (UPSC Exam) को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और इसी एग्जाम को पास करने के बाद ही आईएएस, आईपीएस, आईईएस या आईएफएस अधिकारी पर चयन होता है. इन सभी अधिकारियों का काम अलग होता है और उनकी अलग-अलग भूमिकाएं होती हैं. आपको बताते हैं कि आईएएस और आईपीएस (Difference between IAS and IPS) में क्या फर्क होता है और दोनों में कौन ज्यादा पावरफुल होता है.

  1. यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बनते हैं
  2. आईएएस और आईपीएस की ट्रेनिंग में काफी अंतर होता है
  3. आईएएस-आईपीएस की जिम्मेदारियां और शक्तियां अलग होती हैं

कैसे होता है आईएएस-आईपीएस का चयन?

यूपीएससी मेंस एग्जाम का रिजल्ट आने के बाद उम्मीदवार को एक डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) भरना होता है, जिसके आधार पर पर्सनैलिटी टेस्ट होता है. फॉर्म में भरी गई जानकारियों के आधार पर ही इंटरव्यू के दौरान सवाल पूछे जाते हैं. इंटरव्यू में मिले नंबर को जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और इसी के आधार पर ऑल इंडिया रैंकिंग तय की जाती है. अलग-अलग कैटेगरी (जनरल, SC, ST, OBC, EWS) की रैंकिंग तैयार की जाती है और रैंकिंग के आधार पर आईएएस, आईपीएस या आईएफएस रैंक दी जाती है. टॉप की रैंक वालों को आईएएस मिलता है, लेकिन कई बार टॉप रैंक पाने वालों का प्रेफरेंस IPS या IRS होता है तो नीचले रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल सकती है. इसके बाद के रैंक वालों को आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलती है.

fallback

ये भी पढ़ें- यूपीएससी पास करने के बाद कैसे तय होती है IAS, IPS या IFS रैंक? जानें किसे मिलती है क्या जिम्मेदारी

कैसे होती है आईएएस और आईपीएस की ट्रेनिंग?

आईएएस और आईपीएस के लिए चुने जाने के बाद इनकी ट्रेनिंग की शुरुआत मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में फाउंडेशन कोर्स से होती है, जिसमें सिविल सेवा के लिए चुने गए सभी कैंडिडेट्स की तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाती है. इस कोर्स में बेसिक एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल सिखाए जाते हैं, जिन्हें जानना हर सिविल सेवा अधिकारी के लिए जरूरी होता है. एकेडमी के अंदर कुछ खास एक्टिविटीज कराई जाती हैं, जिसमें मेंटल और फिजिकल मजबूती के लिए हिमालय की कठिन ट्रैकिंग एक है.

इसके अलावा सभी अफसरों के लिए इंडिया डे का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी को अपने-अपने राज्य की संस्कृति का प्रदर्शन करना होता है. इसमें सिविस सेवा अधिकारी पहनावे, लोक नृत्य या फिर खाने के जरिए देश की 'विविधता में एकता' दिखाते हैं. इसके अलावा अधिकारियों को विलेज विजिट की ट्रेनिंग भी दी जाती है और इस दौरान अफसरों को देश के किसी सुदूर गांव में जाकर 7 दिन रहना होता है, जिससे उन्हें गांव की जिंदगी के हर पहलू को बारीकी से समझने का मौका मिलता है. सिविस सेवा अधिकारी का गांव के लोगों के अनुभव और उनकी समस्याओं से सामना होता है.

fallback

ये भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं कितनी होती है आईपीएस अफसर की सैलरी? मिलती हैं ये खास सुविधाएं

3 महीने बाद अलग-अलग दी जाती है ट्रेनिंग

आईएएस अफसर और आईपीएस की ट्रेनिंग में भी काफी अंतर होता है. 3 महीने की फाउंडेशन ट्रेनिंग के बाद आईपीएस अधिकारियों को हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) भेज दिया जाता है, जहां उन्हें पुलिस की ट्रेनिंग दी जाती है. आईपीएस को चयन के बाद ज्यादा टफ ट्रेनिंग से गुजरना होता है. उनकी ट्रेनिंग में घुड़सवारी, परेड और हथ‍ियार चलाना शामिल होता है. वहीं आईएएस ट्रेनी लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में ही रह जाते हैं. इसके बाद आईएएस अधिकारी की प्रोफेशनल ट्रेनिंग शुरू होती है और इसमें एडमिस्ट्रेशन व गवर्नेंस के हर सेक्टर की जानकारी दी जाती है.

fallback

आईएएस और आईपीएस की जिम्मेदारियां

बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में एक क्षेत्र / जिले / विभाग का प्रशासन शामिल होता है. उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रस्ताव बनाने की आवश्यकता होती है और उन्हें सभी नीतियों को लागू करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए कार्यकारी शक्तियां दी जाती हैं. जबकि, आईपीएस अधिकारियों को अपराध की जांच करनी होती है और उस क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना होता है, जहां वे तैनात होते हैं. एक आईएएस अफसर का कोई ड्रेस कोड नहीं होता और वे फॉर्मल ड्रेस में रहते हैं. वहीं आईपीएस अधिकारी ड्यूटी के दौरान वर्दी पहनते हैं. आईएएस अधिकारी को पोस्ट के अनुसार, बॉडीगार्ड मिलते हैं, जबकि आईपीएस के साथ पूरी पुलिस फोर्स चलती है.

ये भी पढ़ें- क्या आपको पता है कितनी होती है IAS अफसर की सैलरी? घर-गाड़ी समेत मिलती हैं ये सुविधाएं

fallback

आईएएस और आईपीएस में कौन होता है पावरफुल?

आईएएस और आईपीएस की जिम्मेदारियां और शक्तियां बिल्कुल अलग होती हैं. आईएएस अधिकारियों को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग व कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय नियंत्रित करती है. वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्रालय आईपीएस कैडर को नियंत्रित करती है. आईएएस अधिकारी का वेतन आईपीएस अधिकारी की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक होता है. इसके साथ ही, एक क्षेत्र में केवल एक आईएएस अधिकारी होता है जबकि एक क्षेत्र में आईपीएस अधिकारी की संख्या आवश्यकता के अनुसार होती है. कुल मिलाकर, आईएएस अधिकारी का पद वेतन और अधिकार के मामले में एक आईपीएस अधिकारी से बेहतर होता है.

लाइव टीवी

Trending news