कोरोना को लेकर भारत में किया गया चमगादड़ों पर टेस्ट, सामने आई ये हैरान करने वाली सच्चाई
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कोरोना को लेकर भारत में किया गया चमगादड़ों पर टेस्ट, सामने आई ये हैरान करने वाली सच्चाई

चमगादड़ का टेस्ट भी उसी तरह से किया गया जिस तरह से इंसानों का टेस्ट किया जाता है.

कोरोना को लेकर भारत में किया गया चमगादड़ों पर टेस्ट, सामने आई ये हैरान करने वाली सच्चाई

नई दिल्ली: दुनियाभर में बहस छिड़ी हुई है कि क्या कोरोना वायरस चमगादड़ के जरिये इंसान में पहुंचा या फिर चीन ने चमगादड़ पर रिसर्च के दौरान कोरोना को लैब में तैयार किया. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या कोरोना वायरस का संक्रमण चमगादड़ से इंसान को हो सकता है या फिर किसी और जानवर के जरिए इंसान कोरोना से संक्रमित हुआ. इस तमाम सवालों का जवाब तलाश करने के लिए भारत में रिसर्च की जा रही हैं जिसके बाद मालूम चला है कि भारत में पाए जाने वाले चमगादड़ों में महामारी फैलाने वाला कोरोना वायरस मौजूद नहीं है और भारत के चमगादड़ों में मिलने वाले बैट वायरस से इंसान संक्रमित नहीं हो सकता. 

चमगादड़ों को कई वायरस का गढ़ माना जाता है. कोरोना वायरस (coronavirus) और चमगादड़ के लिंक की बात पहले से हो रही थी. आईसीएमआर (ICMR) और एनआईवी पुणे चमगादड़ पर 2018 से ही शोध कर रहे हैं. इससे पहले, निपाह वायरस की पुष्टि भी इसी स्टडी में हुई थी लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अभी कोरोना वायरस का जो स्ट्रेन मिला है, उसमें कई सैंपल ऐसे भी हैं जो 2018 में इकट्ठे किए गए, उनमें भी लक्षण मिले.

स्टडी में शामिल चमगादड़ के सैंपल फरवरी 2018 से फरवरी 2020 के बीच के हैं. आईसीएमआर और एनआईवी पुणे ने 7 राज्यों से इकट्ठे किए गए. चमगादड़ों में यह स्टडी की गई. 25 चमगादड़ में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया. चमगादड़ का टेस्ट भी उसी तरह से किया गया जिस तरह से इंसानों का टेस्ट किया जाता है. आरटी पीसीआर तकनीक से चमगादड़ के टेस्ट किए गए थे और इसके लिए उनके गले से और मलद्वार से सैंपल कलेक्ट किए गए थे. यह स्टडी चमगादड़ की कई प्रजाति पर की गई थी. दो प्रजातियों में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया. Rousetus प्रजाति से 78 सैंपल लिए गए जिनमें से 4 पॉजिटिव आए. यह सभी चारों चमगादड़ केरल के थे. 

Pteropus प्रजाति से 508 सैंपल लिए गए जिनमें से 21 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इन 21 में से 12 केरल के, दो हिमाचल प्रदेश के, छह पुडुचेरी, और एक तमिलनाडु का चमगादड़ था. बहुत सी संक्रमित बीमारियों के मामले में पहले भी यह देखा गया है कि वह जानवरों की किसी ना किसी प्रजाति से होती है. चमगादड़ में इससे पहले भी नीपा ईबोला और रेबीज जैसी बीमारियों के वायरस मिल चुके हैं. 

10 राज्यों से चमगादड़ों की दो प्रजातियों के नमूने लिए
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक भारत में पाए जाने वाले चमगादड़ों का परीक्षण किया गया. देश के 10 राज्यों से चमगादड़ों की दो प्रजातियों के नमूने लिए गए. चार राज्यों के चमगादड़ों में बैट कोरोना वायरस मिला है. इस कोरोना वायरस का महामारी फैलाने वाले कोरोना से संबंध नहीं. केरल, हिमाचल, पुडुचेरी, और तमिलनाडु में बैट कोरोना वायरस लेकिन इसका कोविड 19 से कोई संबंध नहीं. चंडीगढ़, गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक में चमगादड़ कोरोना निगेटिव आए. पंजाब और तेलंगाना के चमगादड़ों में भी कोरोना वायरस नहीं है.

मतलब साफ है कि भारत में पाई जाने वाली चमगादड़ की प्रजातियों में कोरोना वायरस तो पाया गया लेकिन ये कोरोना वायरस कोविड-19 नहीं है जिससे सारी दुनिया में कोरोना महामारी फैल गई. रिसर्च कहती है कि चमगादड़ों से वायरस पाए तो जाते हैं लेकिन इससे इंसानों में संक्रमण के मामले में विशेषज्ञों की अलग राय है. 

क्या चमगादड़ से इंसान हो सकता है संक्रमित?
भारत के लिए ये अच्छी खबर है कि भारत में पाई जाने वाली चमगादड़ की प्रजातियों में कोविड 19 यानि महामारी फैलाने वाला कोई वायरस मौजूद नहीं है. फिर भी इससे पहले निपाह वायरस भी चमगादड़ के जरिए इंसानों में आया था, इस बात की पुष्टि कई शोध में हो चुकी है. ऐसे में भारत के 4 राज्यों के चमगादड़ में बैट कोरोना वायरस का मिलना इस बात पर जोर देता है कि कहीं कोई और बीमारी चमगादड़ से इंसानों में न फैलने लगे.  इसके लिए इन जीवों की समय समय पर निगरानी और सर्वेक्षण करना बेहद जरूरी है जिसमें भारत के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं.  

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चमगादड़ में पाया जाने वाला कोरोना वायरस और इंसानों में समानता नहीं देखी गई है. शोधकर्ताओं के मुताबिक यह स्टडी कोरोना वायरस की उत्पत्ति और उसके फैलने के बारे में अहम साबित हो सकती है. स्टडी के मुताबिक भारत में चमगादड़ की 117 प्रजातियां पाई जाती हैं. 

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