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ICMR conducting new Research on obesity: मोटापा दुनियाभर के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन कर उभर रहा है. भारत में भी बच्चों और बड़ों में तेजी से इस बीमारी की बढ़ोतरी देखी जा रही है. खासतौर पर महामारी आने के बाद से ये आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं और इसका पता लगाने के लिए ICMR जल्द ही एक रिसर्च करने जा रही है.
ICMR की वैज्ञानिक डॉ अवुला लक्ष्मैया का कहना है कि 'इस शोध के दौरान हम पिछले वर्षों के आंकड़ों की भी तुलना करेंगे. हमने पहले ही आहार की खपत पर कुछ अध्ययन किया है और देखेंगे कि COVID से पहले और COVID के बाद मोटे लोगों की संख्या में क्या अंतर आया है.'
इससे पहले ICMR ने मोटोपे को लेकर जो रिसर्च की हैं उन रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि भारत में बचपन में मोटापे के बढ़ने का कारण है, बच्चों के बीच बढ़ती जंक फूड की आदतें और बढ़ता तनाव. ICMR जल्द ही बच्चों से लेकर बड़ों की फूड हैबिट्स पर भी रिसर्च करेगा और उस प्रक्रिया में, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड नमूने को भी जांचा जाएगा. ICMR-NIN वैज्ञानिक डॉ. अवुला लक्ष्मैया के अनुसार 'इस शोध के लिए ICMR जल्द ही सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आहार खपत के आंकड़ों को संचालित करने की योजना बना रहे हैं. और ये अध्ययन 5 से 65 वर्ष आयु वर्ग के लिए किया जाएगा.'
आईसीएमआर-एनआईएन वैज्ञानिक डॉ अवुला लक्ष्मैया के अनुसार भारत 2004, 2008, 2012 और 2018 में इस विषय पर शोध कर चुका है. इन सभी अध्ययनों में बढ़ते मोटापे का कारण कम चलना, घटती फिजिकल एक्टिविटी और जंक फूड का बढ़ता क्रेज है. ICMR द्वारा पहले की गई रिसर्च में ये भी दावा किया गया है कि जंक फूड का अधिक सेवन मानसिक स्वास्थ्य और शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है. जंक फूड प्रमुख रूप से केवल ऊर्जा देता है, लेकिन खनिज और विटामिन नहीं देता.
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नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) की फरवरी 2020 में आई एक रिपोर्ट के नतीजों के अनुसार 2010 और 2040 के बीच 20-69 वर्ष की आयु के भारतीय वयस्कों में अधिक वजन की समस्या का प्रसार दोगुने से भी अधिक हो जाएगा, जबकि मोटापे का प्रसार 3 गुना तक हो सकता है. अधिक वजन की समस्या पुरुषों में 30.5% और महिलाओं में (10.1% -16.9%) तक बढ़ सकती है. इसके अलावा शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में अधिक वजन और मोटापे में एक बड़ी बढ़ोतरी होने की संभावना है.
उच्च रक्तचाप (high blood pressure)
हाइपरटेंशन- इससे गंभीर हृदय रोग (ऐसी समस्या जो शरीर के चारों ओर रक्त के प्रवाह को प्रभावित करती है) की समस्या बढ़ सकती है.
आघात (Stroke)
बांझपन (Infertility)
टाइप 2 डायबिटीज
कई प्रकार के कैंसर
हृदय रोग
अस्थमा
ऑस्टियोअर्थराइटिस (जोड़ों को प्रभावित करने वाली समस्या)
(इनपुट- आरती राय)
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