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अहमदाबाद: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद यानी आईआईएम-अहमदाबाद (IIM-Ahmedabad) के लोगो में बदलाव का मुद्दा लगातार बढ़ता जा रहा है. आईआईएम के फैकल्टी मेंबर्स ने नए लोगो पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि लोगो (IIM Logo) से संस्कृत शब्द हटाया गया है, जो अनुचित है.
आईआईएम-अहमदाबाद (IIM-Ahmedabad) के लोगो से 'विधिविनियोगाद्विकास:' को हटाया गया है, जिसका अर्थ है- ज्ञान बांटने से बढ़ता है. लोगो में से संस्कृत वाक्य और सैय्यद मस्जिद की जाली को हटाया जा रहा है. ये लोगो ट्री ऑफ लाइफ के आधार पर बनाया गया था.
आईआईएम अहमदाबाद (IIM-Ahmedabad) की स्थापना साल 1961 में डॉ. विक्रम साराभाई ने की थी और मौजूदा लोगो संस्थान को उन्हीं ने समर्पित किया था. ये लोगों ट्री ऑफ लाइफ के आधार पर बनाया गया था. ऐसे में लोगों का मानना है कि इससे छेड़छाड़ ना की जाए.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फैकल्टी मेंबर्स ने निदेशक और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को 8 मार्च को लिखे एक पत्र में इसका विरोध किया था. 4 मार्च को हुई संस्थान की फैकल्टी काउंसिल की बैठक में सदस्यों को इसकी जानकारी दी गई थी कि संस्थान के बोर्ड ऑफ गर्वनर्स ने संस्थान के लोगो में बदलाव करने का फैसला लिया है. दो नए लोगो को मंजूरी दी थी. इन्हें रजिस्टर भी कराए जाने की बात सामने आ चुकी है.
फैकल्टी मेंबर्स का कहना है, 'यह हमारे लिए पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाला है, क्योंकि नए लोगो को IIM-A बोर्ड द्वारा हमें बिना बताए मंजूरी दे दी गई है. जब तक हम इसके कारणों को नहीं समझते हैं, हम उन्हें मौजूदा प्रथाओं का उल्लंघन मानते हैं.'
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