जीवन वायु: मरीजों के सुरक्षित परिवहन के लिए भारत का पहला डिवाइस
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जीवन वायु: मरीजों के सुरक्षित परिवहन के लिए भारत का पहला डिवाइस

कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) मशीन के विकल्प के रूप में विकसित किया गया देश का पहला डिवाइस, जो बिना बिजली के भी काम करता है. उचित संसाधनों के अभाव वाले क्षेत्रों और मरीजों को इधर से उधर पहुंचाने के दौरान यह आने वाले समय में भी उपयोगी सिद्ध हो सकता है.

तस्वीर: एएनआई

नई दिल्ली: कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) मशीन के विकल्प के रूप में विकसित किया गया देश का पहला डिवाइस, जो बिना बिजली के भी काम करता है. उचित संसाधनों के अभाव वाले क्षेत्रों और मरीजों को इधर से उधर पहुंचाने के दौरान यह आने वाले समय में भी उपयोगी सिद्ध हो सकता है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ द्वारा इसे तैयार किया गया है.

मौजूदा मशीनों से बेहतर है ये मशीन

जीवन वायु के नाम से निर्मित यह मशीन अस्पतालों के ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन पाइपलाइन जैसी दोनों प्रकार की ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों के लिए अनुकूलित है. शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि डिवाइस में उपलब्ध प्रावधान मौजूदा सीपीएपी मशीनों में मौजूद नहीं हैं  

अविकसित फेफड़ों के मामले में भी उपयोगी

स्लीप एपनिया के लिए सीपीएपी एक उपचार पद्धति है, जिसमें नींद लेने के दौरान मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है. सांस लेने में आसानी हो इसके लिए वायु मार्गों को खुला रखा जाना चाहिए, ऐसे में यह मशीन हल्के वायु दाब का उपयोग करती है. इसका इस्तेमाल उन शिशुओं के इलाज के लिए भी किया जाता है, जिनके फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं हुए हैं. मशीन बच्चे के फेफड़ों को फुलाने में मदद करने के लिए उसकी नाक में हवा भरती है.

कोरोना के मामलों में भी प्रभावी

कोविड-19 के शुरूआती चरणों में यह उपचार और भी जरूरी हो जाता है. यह फेफड़ों को पहुंचने वाले नुकसान को कम करता है और मरीजों को फेफड़ों में सूजन होने संबंधी समस्याओं से बचाता है. चिकित्सकीय रूप से आवश्यक सभी मानकों को पूरा करते हुए यह एक लीक-प्रूफ, कम लागत वाली सीपीएपी वितरण प्रणाली है. जीवन वायु को 22 मिमी सीपीएपी क्लोज सर्किट ट्यूब के रूप में डिजाइन किया गया है इसे ट्यूब के आकार के अनुसार कस्टमाइज किया जा सकता है. चूंकि यह बिना बिजली के भी चल सकता है, इसलिए इसका उपयोग रोगी के सुरक्षित परिवहन के लिए भी किया जा सकता है.

आईआईटी के विशेषज्ञों ने बनाई डिवाइस

इस डिवाइस को बनाने वालीं आईआईटी की धातुकर्म और सामग्री इंजीनियरिंग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. खुशबू रेखा ने कहा, 'वर्तमान कोविड महामारी के दौरान इसकी काफी जरूरत थी, जब बिजली की आपूर्ति वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स जैसे चिकित्सा उपकरणों पर निर्भर लोगों के जीवन को बचाने के लिए प्रमुख चिंता का विषय है. इसमें एयर एंट्रेंस एंड पर एक इनबिल्ट वायरल फिल्टर है जिसकी वायरल प्रभावकारिता 99.99 प्रतिशत है.'

वायरल फिल्टर की मौजूदगी

यह वायरल फिल्टर यह सुनिश्चित करता है कि हवा में कोई हानिकारक जीवाणु न हो. डिवाइस को 3डी प्रिंटिंग का उपयोग करके निर्मित किया गया है और इसका यांत्रिक परीक्षण भी किया गया है. 'जीवन वायु' एच2ओ के 20 सेमी तक के निरंतर सकारात्मक दबाव को बनाए रखते हुए उच्च प्रवाह ऑक्सीजन (20-60 लीटर प्रति मिनट) प्रदान कर सकता है. डिवाइस को 5-20 सेमी एच2ओ के पीईईपी (सकारात्मक अंत-श्वसन दबाव) के साथ 40 प्रतिशत से ऊपर के एफआईओ2 को बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है.

अन्य संस्थानों का लिया गया सहयोग

इस डिवाइस की 3डी प्रिंटिंग के लिए रेखा और उनकी टीम ने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के सीएमेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रैपिड प्रोटोटाइप लैब के फैकल्टी इंचार्ज सुरेश चंद के साथ सहयोग किया है. डिवाइस अब मेडिकल टेस्टिंग और मास मैन्युफैक्च रिंग के लिए तैयार है.

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