उत्तर प्रदेश में साल 2022 की शुरुआत में ही विधान सभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियां जोर शोर से तैयारियों में जुटी हुई हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. ऐसे में वे तमाम राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करने में जुटे हैं.
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में साल 2022 की शुरुआत में ही विधान सभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियां जोर शोर से तैयारियों में जुटी हुई हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. ऐसे में वे तमाम राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करने में जुटे हैं. गुरुवार को उन्होंने अपने चाचा शिवपाल से भी मुलाकात की है. शिवपाल यादव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष हैं जो कि उन्होंने सपा से अलग होकर बनाई थी. चाचा शिवपाल से मुलाकात के बाद अखिलेश ने ट्वीट कर गठबंधन का ऐलान किया.
Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav meets his uncle and leader of Pragatisheel Samajwadi Party (Lohia),
Shivpal Singh Yadav at the latter's residence in Lucknow(file photos) pic.twitter.com/PgfsPfJ1n4
— ANI UP (@ANINewsUP) December 16, 2021
बता दें कि शिवपाल यादव ने सपा से अलग होकर 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी. ऐसे में अब यूपी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर शिवपाल यादव सपा से गठबंधन करने को लेकर कई बार अपनी बात सामने रख चुके हैं. उन्होंने पहले भी कई बार कहा है कि अगर 25% सीटें मिलीं तो समाजवादी पार्टी के साथ आ सकता हूं.
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी और संत कबीर नगर के खलीलाबाद क्षेत्र से भाजपा विधायक दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे ने सपा का दामन थाम लिया. इसके अलावा विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडे और पूर्व सांसद भीम शंकर तिवारी उर्फ कौशल तिवारी ने भी सपा की सदस्यता ग्रहण की. साथ ही बसपा ने गत सोमवार को विधायक विनय शंकर तिवारी उनके बड़े भाई पूर्व सांसद कुशल तिवारी और रिश्तेदार गणेश शंकर पांडे को पार्टी विरोधी गतिविधियों और वरिष्ठ नेताओं से अनुचित व्यवहार करने के आरोप में निष्कासित कर दिया था.
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अखिलेश ने इन सभी का सपा में स्वागत करते हुए कहा कि इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी और अब आगामी विधानसभा चुनाव में सपा का मुकाबला कोई नहीं कर सकता.
गौरतलब है कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की मुलाकात करीब 50 मिनट चली. यह मुलाकात लखनऊ में चाचा शिवपाल यादव के घर पर ही हुई थी. मुलाकात के बाद अखिलेश ने ट्विटर पर ऐलान करते हुए कहा कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई. क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है.
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