बढ़ती आबादी को पूंजी के तौर पर किया जा सकता है तब्दील : प्रकाश जावड़ेकर
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बढ़ती आबादी को पूंजी के तौर पर किया जा सकता है तब्दील : प्रकाश जावड़ेकर

जावड़ेकर ने कहा, 'हम नवोन्मेष गतिविधियों में पीछे हैं, जब तक हम नवोन्मेष कार्यों को आगे नहीं बढ़ायेंगे, हम समृद्ध नहीं हो सकते. ऐसे देश ही आगे बढ़े हैं जिन्होंने नवोन्मेष किया है.' 

प्रकाश जावड़ेकर का फाइल फोटो...

नई दिल्ली : नवोन्मेष गतिविधियों की कमी का जिक्र करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि देश अपनी वृहद आबादी को पूंजी के रूप में तभी तब्दील कर सकता है जब नवोन्मेष कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा. जावड़ेकर ने कहा, 'हम नवोन्मेष गतिविधियों में पीछे हैं, जब तक हम नवोन्मेष कार्यों को आगे नहीं बढ़ायेंगे, हम समृद्ध नहीं हो सकते. ऐसे देश ही आगे बढ़े हैं जिन्होंने नवोन्मेष किया है.' 

उन्होंने कहा कि देश की बेहतरी के लिये नवोन्मेष को आगे बढ़ाना एक चुनौती है. मंत्री ने कहा कि दुनिया में कुल क्षेत्रफल में भारत का हिस्सा 2.5 प्रतिशत है, 17 प्रतिशत आबादी है और एक प्रतिशत ताजा पानी है. इन सीमाओं में काम करते हुए भारत की फलीफूली संस्कृति रही है. 

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘ हम अपनी आबादी को पूंजी में तब्दील कर सकते हैं, जब हम नवोन्मेष कार्यो को आगे बढ़ाएंगे.' मानव संसाधन विकास मंत्री ने आज नव प्रवर्तन प्रकोष्ठ तथा अटल नवोन्मेषी संस्थान उपलब्धि रैंकिंग एआरआईआईए रैंकिंग की शुरूआत की. इसके तहत उच्च शैक्षणिक संस्थानों की, विशिष्ट समस्याओं का नवोन्मेषी समाधान प्रदान करने और शोध कार्यों को जन कल्याण से जोड़ने की क्षमता के आधार रैंकिंग की जाएगी. 

उच्च शिक्षण संस्थानों की इस रैंकिंग व्यवस्था का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर किया गया है. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एआरआईआईए रैंकिंग की शुरूआत की. इस दौरान मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह तथा मंत्रालय एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अधिकारी मौजूद थे. जावड़ेकर ने कहा कि इस नव प्रवर्तन प्रकोष्ठ के माध्यम से नवोन्मेष क्लब बनेंगे, हैकाथन को आगे बढ़ाया जायेगा और स्टूडेंट स्टार्ट अप बनेंगे. 

उन्होंने कहा कि यह नई सोच की नई पहल है जो समस्याओं को सुलझाने की व्यवस्था तैयार करने में मदद करेगी. अटल नवोन्मेषी संस्थान उपलब्धि रैंकिंग :एआरआईआईए: का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक सकारात्मक पहल है जो कालेजों समेत उच्च शैक्षणिक संस्थानों में नवोन्मेष को बढ़ावा देगी . 

इस रैंकिंग व्यवस्था में पांच मानदंड निर्धरित किये गए हैं जिनमें संस्थानों ने कितना नवोन्मेष किया, कितने प्रयोग किये, किस प्रकार की गतिविधियों को आगे बढ़ाया, कितने उत्पाद तैयार किये और अपने कालेज या संस्थान में कितने नवोन्मेष कार्य किये, किस प्रकार का श्रेष्ठ नवोन्मेष समाधान निकाला. जैसे विषयों पर ध्यान दिया जाएगा. संस्थानों की रैकिंग 100 के स्कोर पर की जाएगी. इस रैकिंग में सभी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान हिस्सा ले सकते हैं.

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