प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद ये समझौते हुए.
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नई दिल्ली: कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच भारत (India) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के बीच महत्वपूर्ण रक्षा समझौते हुए हैं. दोनों देशों ने साजो-सामान (लॉजिस्टिक) सहयोग के उद्देश्य से एक दूसरे के सैन्य अड्डों तक आपसी पहुंच सुगम बनाने के महत्वपूर्ण समझौते सहित संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए गुरुवार को छह अन्य समझौते किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद ये समझौते हुए.
दोनों देशों के बीच हुए साझा लॉजिस्टिक सहयोग समझौते (एमएलएसए) के तहत संपूर्ण रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने के अलावा दोनों देशों की मिलिट्री को मरम्मत और आपूर्ति बहाली के लिए एक दूसरे के सैन्य अड्डों का उपयोग करने की बात कही गई है. गौरतलब है कि भारत ने ऐसा ही समझौता अमेरिका, फ्रांस और सिंगापुर के साथ किया है.
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दोनों देशों ने साइबर और साइबर युक्त प्रौद्योगिकी तथा खनिज एवं खनन, सैन्य प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक शिक्षा तथा जल संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर समझौता किया.
दोनों पक्षों ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे, हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा चुनौतियों, विश्व व्यापार संगठन में सुधार तथा कोरोना वायरस संकट से निपटने के रास्तों सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.
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दोनों देशों ने आतंकवाद को क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा माना और इस बुराई के हर रूप कड़ी निंदा करते हुए जोर दिया कि किसी भी आधार पर आतंकी गतिविधि को उचित नहीं ठहराया जा सकता.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए कहा कि भारत में सभी क्षेत्रों को शामिल करते हुए समग्र सुधार की एक प्रक्रिया शुरू की गई है क्योंकि वह कोरोना वायरस संकट को एक ‘अवसर’ के रूप में देख रहे हैं.
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पीएम ने कहा, ‘‘इस कठिन समय में आपने ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय समुदाय का, और खास तौर पर भारतीय छात्रों का, जिस तरह ध्यान रखा है, उसके लिए मैं विशेष रूप से आभारी हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी सरकार ने इस संकट को एक अवसर की तरह देखने का निर्णय लिया है. भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. बहुत जल्द ही जमीनी स्तर पर इसके परिणाम देखने को मिलेंगे. ’’ मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह उपयुक्त समय, उपयुक्त मौका है तथा अपनी दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएं हैं.