India-China Conflict: विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 31वीं बैठक बीजिंग में हुई. बैठक के दौरान यह दोहराया गया कि शांति एवं स्थिरता की बहाली और एलएसी के लिए सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए जरूरी आधार हैं.
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India China LAC Issue: गलवान हिंसा के बाद भारत और चीन के रिश्तों पर जो बर्फ जमी, वह अब तक पिघली नहीं है. बयानों के लंबे दौर चले लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. अब गुरुवार को मदभेदों को कम करने के लिए चीन और भारत के बीच बातचीत हुई. इस दौरान आपसी विवादों को कम करने, जो मुद्दे लंबे वक्त से लंबित पड़े हैं, उनका हल खोजने और एलएसी की स्थिति पर चर्चा हुई.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 31वीं बैठक बीजिंग में हुई. बैठक के दौरान यह दोहराया गया कि शांति एवं स्थिरता की बहाली और एलएसी के लिए सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए जरूरी आधार हैं. बयान में कहा गया कि चर्चाओं में तेजी लाने के लिए जुलाई में अस्ताना और वियनतियाने में विदेश मंत्रियों की बैठकों से मिले मार्गदर्शन के मुताबिक और पिछले महीने आयोजित डब्ल्यूएमसीसी बैठक पर आगे बढ़ते हुए, दोनों पक्षों के बीच स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी बातें हुईं.
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति पर मतभेदों को कम करने और लंबित मुद्दों का जल्द समाधान खोजने के लिए बैठक की गई.' इसमें कहा गया कि इसके लिए, वे राजनयिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से गहन संपर्क के लिए भी सहमत हुए. विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. वहीं, चीनी प्रतिनिधिमंडल की अगुआई चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागर मामलों के विभाग के महानिदेशक होंग लियांग ने किया.
बयान में कहा गया कि इस बीच, दोनों पक्षों ने दोनों सरकारों के बीच हुए प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और समझ के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने का फैसला किया. डब्ल्यूएमसीसी की 30वीं बैठक 31 जुलाई को नयी दिल्ली में आयोजित की गई थी.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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