चीन अगर ये सोच रहा था की वो लद्दाख में गुस्ताखी करेगा, LAC को बदलने की कोशिश करेगा और भारत कुछ नहीं कर पाएगा तो चीन ये भूल गया है कि ये 1962 का हिंदुस्तान नहीं है.
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नई दिल्ली: चीन (China) अगर ये सोच रहा था कि वो लद्दाख में गुस्ताखी करेगा, LAC को बदलने की कोशिश करेगा और भारत (India) कुछ नहीं कर पाएगा तो चीन ये भूल गया है कि ये 1962 का हिंदुस्तान नहीं है. ये 2020 का न्यू इंडिया है, जो हर वार पर जबरदस्त पलटवार करता है. न्यू इंडिया का संकल्प है कि अगर छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं. डोकलाम से लेकर गलवान घाटी तक चीन को इसका सबूत चीन को मिल चुका है.
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चीन के खिलाफ कूटनीतिक और सैन्य विकल्प क्या हैं
पहला विकल्प : चीन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की रणनीति बने
दूसरा विकल्प : LAC पर चीन को उसकी भाषा में जवाब
तीसरा विकल्प : चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बने. जो देश चीन के खिलाफ हैं, भारत उन्हें साथ लेकर आए
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चौथा विकल्प : समुद्र में चीन की घेराबंदी करे इंडियन नेवी. दबाव से समझौते के लिए मजबूर हो जाएगा चीन
पांचवां विकल्प : चीन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करे भारत
20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से हमला किया था. इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे. यानी चीन ने तब भी अपना धोखे वाला चरित्र दिखाया था और अब एक बार फिर हिंसक चरित्र सामने आया है, लेकिन चीन की चाल को अब हिंदुस्तान हमेशा के लिए सीधा करने जा रहा है.
ब्यूरो रिपोर्ट जी मीडिया
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