कोवैक्सीन (COVAXIN) के पहले दो चरण में 1000 लोगों पर वैक्सीन (Vaccine) का ट्रायल किया गया था. पहले दो फेज में शामिल वॉलंटियर्स में वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा था. जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि तीसरे फेज का ट्रायल भी कामयाब होगा.
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नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) संक्रमण के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन की उम्मीद बढ़ गई है. कोरोना वायरस के खिलाफ देश की पूर्ण स्वदेशी वैक्सीन (Vaccine Trial) के तीसरे चरण का ट्रायल देश में चल रहा है. इसी के साथ तैयार हो रही है वैक्सीन बांटने की रणनीति. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वैक्सीन को लेकर उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं जिसमें वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर उसके स्टोरेज तक की रणनीति तैयार की गई.
शुक्रवार को वैक्सीन ट्रायल के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने खुद पर वैक्सीन (Vaccine) ट्रायल करवाया. अब देश को बस नए साल का इंतजार करना है, जब भारत को कोरोना (Coronavirus) को हराने वाली स्वदेशी वैक्सीन मिल जाएगी.
कोवैक्सीन (COVAXIN) का निर्माण भारत बायोटेक-ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी मिलकर कर रहे हैं. कोवैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में है. देश के 22 सेंटर पर वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल हो रहा है, जिसमें करीब 26 हजार वॉलेंटियर शामिल हो रहे हैं.
पहले दो चरण में 1000 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल
कोवैक्सीन के पहले दो चरण में 1000 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया था. पहले दो फेज में शामिल वॉलंटियर्स में वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा था. जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि तीसरे फेज का ट्रायल भी कामयाब होगा.
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कोवैक्सीन का ये तीसरा और फाइनल ट्रायल है. इसी ट्रायल में साफ हो जाएगा कि कोवैक्सीन को आप तक पहुंचने में कितना वक्त लगेगा.
तीसरे फेज में जो भी वॉलंटियर्स वैक्सीन लगवा रहे हैं उन्हें 28 दिन बाद दूसरी डोज लगवानी होगी. वैक्सीन का पहला डोज लगने के 42 दिन बाद वॉलंटियर्स का ब्लड टेस्ट किया जाएगा.
...तो फिर वैक्सीन सफल मानी जाएगी
डॉक्टरों के मुताबिक शुरुआती 600 लोगों का ब्लड टेस्ट किया जाएगा. अगर ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट सामान्य रही तो फिर वैक्सीन सफल मानी जाएगी जिसके बाद सरकार और ड्रग कंट्रोलर से वैक्सीन की मंजूरी मिल जाएगी.
डॉक्टरों के मुताबिक जनवरी-फरवरी तक भारत में कोरोना को लॉक करने के लिए वैक्सीन पूरी तरह तैयार होगी. यानी आपके लिए अब बस सब्र के कुछ ही महीने हैं, क्योंकि उसके बाद कोरोना का अंत मुमकिन हो सकेगा.
Airports को भी वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए तैयार किया जा रहा
वैक्सीन के लिए केंद्र सरकार रणनीति तैयार कर रही है, तो वहीं देश के Airports को भी वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए तैयार किया जा रहा है. सबसे पहले बात दिल्ली दिल्ली एयरपोर्ट की करते हैं. यहां तापमान नियंत्रण वाले दो कार्गो टर्मिनल हैं. साथ ही माइनस 20 डिग्री तापमान वाला कार्गो टर्मिनल है. कार्गो टर्मिनल पर आने जाने के लिए अलग दरवाजे हैं. इसके अलावा हैदराबाद एयरपोर्ट पर भी तापमान नियंत्रण वाला कार्गो टर्मिनल मौजूद है. इस एयरपोर्ट पर माइनस 20 डिग्री तापमान वाला कार्गो टर्मिनल भी है.
5 वैक्सीन का चल रहा ट्रायल
वैक्सीन बनाने की रेस में भारत दुनिया के विकसित देशों से कहीं भी पीछे नहीं है. देश में अभी 5 कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का ट्रायल चल रहा है. ये सभी वैक्सीन ट्रायल के अलग-अलग चरणों में हैं. इनमें से दो वैक्सीन का ट्रायल आखिरी स्टेज में पहुंच चुका है.
- भारत बायोटेक-ICMR और इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की वैक्सीन COVAXINE तीसरे चरण के ट्रायल में है. ये पूर्ण रूप से स्वदेशी वैक्सीन है.
- मल्टीनेशनल फार्मा कंपनी Zydus Cadila की कोरोना वैक्सीन ZyCov-D का ट्रायल दूसरे चरण में है. इसके तीसरे चरण का ट्रायल अभी बाकी है.
- इंडियन फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रा जेनेका के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही है. वैक्सीन का नाम कोविशील्ड रखा गया है. सीरम इंस्टीट्यूट का दावा है कि दिसंबर तक उसकी वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी.
- रूस में बनी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी का भी भारत में ट्रायल होना है. स्पूतनिक वी (Sputnik V) के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल को सरकार से मंजूरी मिल चुकी है.
हालांकि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, कोरोना से बचाव के दो ही उपाय हैं, मास्क और सोशल डिस्टेसिंग.
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