भारत ने चीन का ये चालबाज प्रस्ताव फौरन खारिज करते हुए चीन से मांग की है कि वो पूर्वी लद्दाख की सीमाओं पर पूरी तरह से यथास्थिति बहाल करे.
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नई दिल्ली: चीन अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहा है, लेकिन भारत उसकी चालों मे फंसने के लिए तैयार नहीं है. पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन ने भारी तनाव के बीच एक ऑर फॉर्मूला दिया था, जिसे भारत ने बिना देर किए सिरे से खारिज कर दिया है. दरअसल, चीन (China) ने बराबर दूरी पर पीछे हटने का प्रस्ताव दिया था, यानी भारत पैंगोंग लेक के फिंगर 4 से जितना पीछे हटेगा, चीनी सेनाएं भी वहां से उतनी ही पीछे हट जाएंगी.
भारत ने चीन का ये चालबाज प्रस्ताव फौरन खारिज करते हुए चीन से मांग की है कि वो पूर्वी लद्दाख की सीमाओं पर पूरी तरह से यथास्थिति बहाल करे.
अप्रैल में चीनी सेनाएं युद्धाभ्यास करने के नाम पर तिब्बत पहुंची थीं, लेकिन वहां उन्होंने एलएसी का उल्लंघन किया और सीमा पर कई जगह, कई तरह के निर्माण खड़े कर दिए. केवल सेना की टुकड़ियां ही नहीं टैंक, एयरक्राफ्ट्स और बाकी हथियार भी वहां तैनात कर दिए थे. उसके बाद पिछले 3 महीने से एलएसी के इस तरफ इंडियन आर्मी और एयरफोर्स की टुकड़ियां तैनात हैं.
सूत्रों से पता चला है कि चीन ने भारत से कहा है कि चीनी सेनाओं को वो पैंगोंग लेक के फिंगर 4 इलाके में डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार है, लेकिन भारत को भी इस इलाके से अपनी सैनाएं और हथियार हटाने होंगे. चीन ने कहा है कि बदले में वो भी इतने सैनिक और उतने ही हथियार उतनी ही पीछे हटा लेगा.
भारत ने चीन का ये प्रस्ताव सिरे से खारिज कर दिया है औऱ चीन से कहा है कि वो पहले की तरह फिंगर 8 के पीछे जाए. भारत ने चीन से 1993 और 1996 के समझौतों का मुद्दा भी उठाया है, जिसके मुताबिक एलएसी के आसपास दोनों तरफ किसी भी तरह के निर्माण को प्रतिबंधित किया गया था.
भारतीय पक्ष इस बात को लेकर पूरी तरह अडिग है कि पहले चीनी सेनाओं को डिसएंगेज होना होगा, उसके बाद दोनों पक्ष आपस में चर्चा करके पूर्वी लद्दाख, डेप्सांस प्लेंस और दौलत बेग ओल्डी इलाकों से सेनाएं हटाएंगे. इसी बीच खुफिया एजेंसियों ने खबर की है कि चीन पैंगोंग इलाके से सेनाएं हटाने को तैयार नहीं है और इस दौरान वो बातचीत का दिखावा करते रहकर अपनी मिलिट्री मौजदूगी इस इलाके में मजबूत करने में जुटा है.
इसीलिए भारत भी इसी दिशा में काम कर रहा है, लगातार वहां अपनी स्थिति मजबूत की जा रही है, एलएसी पर अत्यधिक सर्तकता बरतने की हिदायत दी गई है और चीनी सेनाओं की हरकत पर पूरे दम से तगड़ा जवाब देने को कहा गया है.
रविवार को भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा की स्थिति की लेकर एक हाई लेवल मीटिंग की जिसमें एनएसए अजीत डोवाल सहित तीनों सेनाओं के चीफ व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत भी मौजूद थे. खुफिया एजेंसियों ने ये भी सूचना दी है कि चीन ने बॉर्डर पर अपना सर्विलांस सिस्टम भी बढ़ा दिया है.
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