इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग प्रमुख के पद पर जल्द हो सकती है नियुक्ति
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इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग प्रमुख के पद पर जल्द हो सकती है नियुक्ति

भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध पिछले साल बिगड़ गए थे. पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया में तत्कालीन भारतीय दूत को इस्लामाबाद से निष्कासित कर दिया था.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग प्रमुख (Indian high commission in Islamabad) के पद के लिए पाकिस्तान को नया नाम भेजा है. भारत की तरफ से मिशन के पूर्व निदेशक, सुरेश का नाम सुझाया गया है. वह विदेश मंत्रालय और मिशन में भारत के डिप्टी कमिश्नर की जिम्मेदारी संभालेंगे वहीं जबकि पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से अभी तक इस पर स्वीकृति नहीं दी गई है. हालांकि इस बार माना जा रहा है कि इस नाम पर मुहर लगने में कोई अड़चन नहीं आएगी.

  1. जम्मू कश्मीर से 370 हटने के बाद बढ़ा था विवाद

    पहले गया था वरिष्ठ अधिकारी खोबरागड़े का नाम

    इस बार पूर्व निदेशक सुरेश का भेजा गया है नाम

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पहले गया था जयंत खोबरागड़े का नाम
बता दें कि पाकिस्तान ने वरिष्ठ भारतीय राजनयिक जयंत खोबरागड़े (Jayant Khobragade) को वीजा देने से इनकार कर दिया था. इससे पहले इस पद के लिए जयंत खोबरागड़े का ही नाम सुझाया गया था. पाकिस्तान ने खोबरागड़े का नाम खारिज कर दिया जबकि वह इस पद के लिए उपयोगी थे. खोबरागड़े रूस, कजाकिस्तान, स्पेन और पाकिस्तान में सेवा दे चुके हैं. 2013 से 2017 के बीच किर्गिज के लिए भारत के राजदूत रहे.

प्रोटोकॉल के तहत भेजा जाता है नाम
दरअसल एक प्रोटोकॉल के तहत कोई भी देश दूसरे देशों में तैनात होने वाले अपने राजदूतों या राजनयिकों का नाम भेजता है. इस प्रक्रिया में आमतौर पर समस्या नहीं आती कोई भी देश शुझाए गए नामों को स्वीकार कर लेता है. पाकिस्तान में भारतीय मिशन और दिल्ली में पाकिस्तानी मिशन का नेतृत्व उप-उच्चायुक्त करते हैं.

धारा 370 हटाए जाने के बाद बढ़ा था विवाद
भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध पिछले साल बिगड़ गए थे. पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया में तत्कालीन भारतीय दूत को इस्लामाबाद से निष्कासित कर दिया था. जबकि अपने नए नियुक्त दूत को नई दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया था. इसके बाद साल की शुरुआत में जासूसी कांड के खुलासे के बाद भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की 50% तक कटौती करते हुए इस्लामाबाद में मिशन स्ट्रेंथ को आधा कर दिया था.

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