Pralay Missile: भारत के 'प्रलय' से कांप उठेगा चीन- पाकिस्तान, ओडिशा में सफल टेस्ट
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Pralay Missile: भारत के 'प्रलय' से कांप उठेगा चीन- पाकिस्तान, ओडिशा में सफल टेस्ट

Pralaya Missile News:  प्रलय मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. इसे शॉर्ट रेंज का बेताज बादशाह माना जाता है.इसे चीन के डोंग फेंग के बराबर माना जाता है.

Pralay Missile: भारत के 'प्रलय' से कांप उठेगा चीन- पाकिस्तान, ओडिशा में सफल टेस्ट

Pralay Missile Test: भारत ने ओडिशा तट के पास अब्दुल कलाम द्वीप से सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) ‘प्रलय’ का मंगलवार को सफल परीक्षण किया.  इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. प्रलय मिसाइल को सात नवंबर को सुबह करीब नौ बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया.  उन्होंने बताया कि समुद्र तट के पास कई उपकरणों ने इसके प्रक्षेप पथ पर नजर रखी. अधिकारी ने कहा कि ‘प्रलय’ 350-500 किलोमीटर की कम दूरी वाली सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. यह जो 500 से 1,000 किलोग्राम का पेलोड साथ ले जाने में सक्षम है. ‘प्रलय’ को वास्तविक नियंत्रण रेखा और नियंत्रण रेखा के पास तैनात करने के लिए विकसित किया गया है. 

चीन के डोंग फेंग से होती है तुलना

 'प्रलय' मिसाइल की तुलना चीन की 'डोंग फेंग 12' और रूस की 'इस्केंडर' से की जा सकती है, जिसका इस्तेमाल यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में किया गया था। पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली में सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं. 22 दिसंबर 2021 को, DRDO ने अब्दुल कलाम द्वीप से प्रलय का पहला परीक्षण किया गया था. मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता, मान्य नियंत्रण, मार्गदर्शन प्रणाली और मिशन एल्गोरिदम के साथ 400 किमी पर निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अर्ध बैलिस्टिक पथ को फॉलो किया था.  23 दिसंबर 2021 को, DRDO ने अब्दुल कलाम द्वीप से प्रलय का एक और परीक्षण किया गया. हथियार की घातकता और सटीकता की जांच करने के लिए भारी पेलोड का उपयोग करके परीक्षण किया गया था प्रलय ने 500 किमी की अधिकतम सीमा तय की और इसकी निगरानी रेंज सेंसर और उपकरणों द्वारा की गई, जिसमें पूर्वी तट पर तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक ट्रैकिंग सिस्टम और प्रभाव बिंदु के पास तैनात डाउनरेंज जहाज शामिल थे. 

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