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IMD Weather update 9 June: मौसम विभाग द्वारा बुधवार को जारी अपडेट में कहा गया है कि देश में मानसूनी वर्षा (Monsoon Rain) के 15 जून से जोर पकड़ने की संभावना है. इस दौरान देश के मध्यवर्ती हिस्सों और उत्तरी मैदानी इलाकों में भी वर्षा होने की संभावना है. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक अरब सागर से आने वाली पश्चिमी हवाओं के कारण अगले 5 दिन के दौरान कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में भारी बारिश की संभावना है. मौसम कार्यालय ने बुधवार को दक्षिणी कर्नाटक जबकि तटीय कर्नाटक और केरल में शनिवार तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई है.
उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकतर भागों में बुधवार को भी लू का प्रकोप जारी रहा. वहीं, राजस्थान के गंगानगर और महाराष्ट्र के ब्रह्मपुरी में अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में आज गुरुवार को भी लू का सामना करना पड़ेगा जबकि ओडिशा में शुक्रवार तक लू का प्रकोप जारी रहने की संभावना है.
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विभाग के मुताबिक, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के कम से कम 42 शहरों और कस्बों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया. दिल्ली की सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि सामान्य से चार डिग्री अधिक रहा. IMD ने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र में अगले पांच दिन के दौरान अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है.
दिल्ली के कई हिस्सों में बुधवार को लगातार छठे दिन भी भीषण लू का प्रकोप दर्ज किया गया, हालांकि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि 2 दिनों में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. IMD की ओर से जारी एक सलाह में कहा गया है, ‘उन लोगों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के लक्षणों की आशंका बढ़ जाती है जो या तो लंबे समय तक धूप में रहते हैं या भारी काम करते हैं.’ मौसम विशेषज्ञों ने तेज पश्चिमी विक्षोभ की कमी और लगातार गर्म एवं शुष्क पश्चिमी हवाओं की कमी को लू के लिए जिम्मेदार ठहराया है.राजधानी में शनिवार तक अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है.
मॉनसून के 15 जून तक पूर्वी भारत पहुंचने की उम्मीद के साथ, पूर्वी हवाएं नमी लाएंगी और उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून पूर्व गतिविधि को तेज करेंगी. स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (जलवायु परिवर्तन और मौसम विज्ञान) महेश पलावत ने कहा कि मानसून के प्रचलित तारीख 27 जून के आसपास दिल्ली पहुंचने की संभावना है.ऐसी कोई प्रणाली नहीं है जो इसकी प्रगति बाधित हो सकेगी. उन्होंने कहा कि इसको लेकर एक या दो हफ्ते में तस्वीर साफ हो जाएगी.
पिछले साल, आईएमडी ने भविष्यवाणी की थी कि मानसून अपनी सामान्य तिथि से लगभग दो हफ्ते पहले दिल्ली पहुंच जाएगा. हालांकि ये 13 जुलाई को राजधानी पहुंचा जो बीते 19 सालों में सबसे अधिक विलंबित अवधि थी.
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