कारगिल युद्ध को इस साल 20 बरस पूरे हो रहे हैं. कारगिल की ऊंची पहाडि़यों पर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा जमा लिया था. उसको मुक्त कराने के लिए 25 मई, 1999 को भारतीय वायुसेना को आक्रमण का आदेश दिया गया. इस निर्णायक कदम के साथ ही दुश्मन के अंत की शुरुआत हुई.
Trending Photos
नई दिल्ली: कारगिल युद्ध को इस साल 20 बरस पूरे हो रहे हैं. कारगिल की ऊंची पहाडि़यों पर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा जमा लिया था. उसको मुक्त कराने के लिए 25 मई, 1999 को भारतीय वायुसेना को आक्रमण का आदेश दिया गया. इस निर्णायक कदम के साथ ही दुश्मन के अंत की शुरुआत हुई. इस कड़ी में उसके अगले ही दिन वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर के नाम से कारगिल में दुश्मन की पोजीशन और सप्लाई लाइन पर हमला कर दिया.
वायुसेना का पहला हमला 26 मई, 1999 को सुबह 6:30 बजे शुरू हुआ. उस हमले को मिग-21, मिग-27एमएल और मिग-23बीएन लड़ाकू विमानों ने अंजाम दिया. उस घटना के 20 बरस बाद भारतीय वायुसेना ने तस्वीरों के माध्यम से उस ऑपरेशन की तस्वीरों को पहली बार दुनिया से साझा किया है. हमले के वक्त मिग-29 ने लड़ाकू विमानों को कवर देने के साथ एयर डिफेंस का काम किया था. हमले के बाद कैनबरा ने दुश्मन के नुकसान की रेकी भी की थी.
#RememberingKargil #OpSafedSagar Morning of 26 May 1999: IAF commenced air ops by attacking enemy positions & supply lines. First strike was launched at 0630hrs by MiG-21, MiG-27ML & MiG-23BN fighters. pic.twitter.com/CMPb2cYv8C
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 26, 2019
#RememberingKargil #OpSafedSagar Twenty years ago today Indian Air Force was given the GO AHEAD to launch aerial counteroffensive in the #KargilWar. This decisive step would go on to be the enemy's nemesis and the beginning of the end of his occupation.https://t.co/gaqpQ7SEb7 pic.twitter.com/nCky1MTlPW
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 25, 2019
'कारगिल प्लान बनाने वालों ने सोचा कि भारत जवाब नहीं देगा'
उल्लेखनीय है कि कारगिल युद्ध के रहस्यों को उद्घाटित करने वाली कई किताबें प्रकाशित हुई हैं. इसी कड़ी में हालिया दौर में एक पाकिस्तानी लेखिका की किताब प्रकाशित हुई थी. इस किताब में कहा गया, 'कारगिल युद्ध की योजना बनाने वालों ने यह सोच कर बड़ी गलती की कि भारत जवाब नहीं देगा.' लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया तथा इस कारण पाकिस्तानी सेना से कई लोग हताहत हुए. ‘फ्रॉम करगिल टू द कू : इवेंट्स दैट शूक पाकिस्तान’ पुस्तक की लेखिका नसीम जेहरा ने अपनी किताब में यह दावा किया.
Mig-29 on Combat Air Patrol provided Air Defence cover to strike aircraft. Post strike, Canberra carried out recce to assess the damage inflicted on the enemy. pic.twitter.com/fAfL2G6aOM
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 26, 2019
उन्होंने कुछ जनरलों की भूमिका के बारे में विस्तार से चर्चा की, जिन्होंने अक्टूबर/नवंबर 1998 में कारगिल ऑपरेशन की योजना बनाई थी. भारत के खिलाफ 1999 के कारगिल युद्ध की योजना बनाने वाले कुछ पाकिस्तानी जनरलों ने तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ की सराहना करते हुए कहा है कि वह इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अपने पूर्वाधिकारियों की तुलना में कहीं अधिक साहसी थे.
कारगिल युद्ध की योजना के लिए जनरल मुशर्रफ और तीन अन्य जनरलों की बातचीत का जिक्र करते हुए जेहरा ने कहा, ‘‘यदि कारगिल ऑपरेशन इतना ही आसान था तो यह पहले क्यों नहीं कर लिया गया? एक जनरल ने जवाब दिया कि आपसे (मुशर्रफ से) ज्यादा कोई भी जनरल साहसी नहीं था और सिर्फ आप (मुशर्रफ) ही इसे अंजाम दे सकें.’’ तीनों जनरलों ने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन में उन्होंने अपनी जान खतरे में डाली थी.
हमने 1 परमाणु बम गिराया तो भारत 20 बम गिराकर तबाह कर देगा पाकिस्तान : मुशर्रफ
उन्होंने कहा कि मई 1999 तक भारत को कारगिल योजना की कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने (जनरलों ने) एक महत्वपूर्ण अधिकारी को बताए बगैर सैनिकों को आगे बढ़ा दिया. ‘‘जब कारगिल संघर्ष हुआ तब मेरे जैसे पत्रकारों ने इस बात पर यकीन किया कि यह मुजाहिदीन का काम है.’’ जेहरा ने कहा कि असैन्य सरकार और खुफिया एजेंसियों सहित अन्य संस्थाओं तथा एयर फोर्स प्रमुख को करगिल ऑपरेशन के बारे में अंधेरे में रखा गया था.
नवाज शरीफ
उन्होंने बताया, ‘‘जब नवाज शरीफ को कारगिल ऑपरेशन शुरू किए जाने के बाद इस बारे में बताया गया, तब उनसे कहा गया था, ‘‘आप कश्मीर के विजेता बन जाएंगे. इस पर विदेश मंत्री ने हस्तक्षेप किया और कहा कि कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच वार्ता जारी है, तब जनरल ने कहा, ‘‘आप बातचीत के जरिए कश्मीर कैसे ले सकते हैं?’’ जेहरा ने बताया कि जब रक्षा सचिव ने शरीफ को यह बताया कि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार कर गया है , तब उन्होंने आश्चर्य जताया था. उन्होंने कहा कि शरीफ ने तब ऑपरेशन का समर्थन किया क्योंकि यह राष्ट्र हित में था. उन्होंने कहा कि भारत के मुंहतोड़ जवाब पर शरीफ अमेरिका रवाना हो गए ,जहां तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने उनसे कहा, ‘‘आपको कारगिल से बाहर निकलना होगा.
कारगिल की कहानियां : बरस रहे थे गोले और मुस्कुरा रहे थे अटल बिहारी वाजपेयी
कारगिल विजय दिवस
26 जुलाई को देश में कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस युद्ध में इसी तारीख को हमने पाकिस्तान पर विजय हासिल की थी. पाकिस्तान द्वारा भारत पर किए गए इस हमले को नाकाम करने के लिए भारत ने ऑपरेशन विजय के नाम से दो लाख सैनिकों को तैनात किया और इसमें 527 कभी लौटकर नहीं आए.