गलवान घाटी पर चीन का दावा पूरी तरह गलत, विदेश मंत्रालय का सख्‍त जवाब
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गलवान घाटी पर चीन का दावा पूरी तरह गलत, विदेश मंत्रालय का सख्‍त जवाब

गलवान वैली को अपना हिस्सा बताने वाले चीन को भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है.

गलवान घाटी पर चीन का दावा पूरी तरह गलत, विदेश मंत्रालय का सख्‍त जवाब

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद ( India China Border Dispute) पर सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के सख्‍त रुख के बाद विदेश मंत्रालय ने भी गलवान वैली पर दावा ठोकने वाले चीन को विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि गलवान वैली पर भारत की स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के मनगंढ़त और झूठे दावे नहीं स्वीकारे जाएंगे. 

  1. सीमा विवाद पर MEA का चीन को जवाब
  2. कहा- चीन के झूठे दावे अस्वीकार्य
  3. सीमा पर भारत ने किया नियमों का पालन

विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि दोनों देशों के बीच एलओसी को लेकर जो पहले की समझ है उसका उल्लंघन चीन की तरफ से हुआ है. मई के मध्य में भी चीन की तरफ से एलएसी पर घुसपैठ करने की कोशिश की गई थी जिसका भारत की तरफ से उचित जवाब दिया गया. एलएसी पर भारतीय सीमा कहां तक है इससे भारतीय सेना भलीभांति परिचित है और उसी लिहाज patrolling करती रही है.

भारत ने चीन के गलवान वैली वाले दावे को झूठ बताया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि एलएसी पर गलवान वैली को लेकर चीन खुद ही अपने पुराने तथ्यों को झुठला रहा है. गलवान वैली की स्थिति ऐतिहासिक रूप से बिल्कुल स्‍पष्‍ट है. चीन की तरफ से नए तरीके से जो दावे किए जा रहे हैं वह भारत को किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है. 

भारत में चीन के विदेश मंत्रालय के उस दावे को झूठा करार दिया है जिसमें कहा गया था कि भारतीय सेना ने एलएसी को पार करके चीनी इलाके में जाकर कार्रवाई की है. भारतीय सेना ने कभी भी एलएसी को क्रॉस नहीं किया है जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है वह भारतीय सीमा के भीतर ही है. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि गलवान घाटी पर चीन का दावा अतीत की चीन की स्थिति के अनुरूप नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि चीन की ओर से हुए अतिक्रमण के किसी भी प्रयास का हमने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत की ओर से कभी भी एलएसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. वास्तव में, वे बिना किसी घटना के लंबे समय से इलाके में गश्त कर रहे हैं. देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बॉर्डर एरिया पर किया गया इंफ्रास्ट्रक्चर भारत की सीमा के भीतर ही है.

ये भी पढ़ें: सीमा विवाद पर PMO का बयान, कहा - चीन को LAC पर निर्माण से रोका, एकतरफा स्थिति नहीं बदलने देंगे

मंत्रालय ने आगे कहा, मई 2020 की शुरुआत से ही बॉर्डर पर भारत की नॉर्मल पेट्रोलिंग पर चीनी बाधा डाल रहे हैं. जिसका परिणाम यह रहा कि सीमा पर दोनों देशों के बीच तनातनी हुई. हम इस बात को स्वीकार नहीं करते हैं कि भारत एकतरफा स्थिति में बदलाव कर रहा है. हमने सीमा पर सभी नियमों का पालन किया. हम तो यथास्थिति बनाए रखने के पक्षधर हैं.

मंत्रालय के मुताबिक, एलएसी पर भारतीय सीमा कहां तक है इससे भारतीय सेना भली-भांति परिचित है और उसी लिहाज से बॉर्डर पर पेट्रोलिंग भी करती है.

आपको बता दें कि चीन ने शुक्रवार देर रात एक बयान में गलवान घाटी को अपना बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिजियन ने कहा कि गलवान घाटी चीन का हिस्सा है और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएससी) से हमारी तरफ है. भारतीय सैनिक यहां पर जबरन रोड और ब्रिज बना रहे हैं. 

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