पिछले साल सिक्किम के डोकलाम में भारत और चीन के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला था. भारत के कड़े रुख को देखते हुए चीन को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे. इसके बाद चीन ने भारतीय सीमा से सटे अपने (चीनी) क्षेत्रों में कई सैनिक कैंप लगाए और लगातार गीदड़ भभकी देता रहा.
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इटानगरः भारतीय सीमा पर चीन की लगातार बढ़ती गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सरकार ने नया प्लान बनाया है. बता दें कि पिछले साल सिक्किम के डोकलाम में भारत और चीन के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला था. भारत के कड़े रुख को देखते हुए चीन को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे. इसके बाद चीन ने भारतीय सीमा से सटे अपने (चीनी) क्षेत्रों में कई सैनिक कैंप लगाए और लगातार गीदड़ भभकी देता रहा. चीन की हरकतों पर नजर रखने के लिए और उसे किसी भी स्थिति में जवाब देने के लिए तैयार रहने के लिए भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती 18 गांवों को चुना है.
सरकार ने इन गांवों को मॉडल गांव बनाने का फैसला किया है. मॉडल गांव बनने से इन गांवों में बिजली, सड़क, इंटरनेट मोबाइल कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कोई दिक्कत नहीं होगी. ऐसा होने से वहां लोगों का पलायन रुकेगा और साथ ही भारतीय सेना के लिए इन सीमावर्ती इलाकों की चौकसी और किसी भी परिस्थिति में दुश्मन को जवाब देने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
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शुक्रवार को इटानगर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस पहल से इन गांवों से पलायल को खत्म करने में मदद मिलेगी. रिजिजू ने कहा कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम( बीएडीपी) के तहत प्रथम चरण में पश्चिम सियांग में सिंगबीर और ऊपरी सियांग में गेलिंग को मॉडल गांव के तौर पर अपनाया जाएगा जिसके लिए 23.14 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि शेष 16 गांवों के लिए दो- दो करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.
(इनपुट भाषा से भी)