LAC पर चीन की फिर घुसपैठ की कोशिश, 3 दिन में तीसरा प्रयास विफल
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LAC पर चीन की फिर घुसपैठ की कोशिश, 3 दिन में तीसरा प्रयास विफल

लद्दाख के चुमार में एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना की चौकसी देखकर चीनी सैनिक भाग गए.

LAC पर चीन की फिर घुसपैठ की कोशिश, 3 दिन में तीसरा प्रयास विफल

नई दिल्‍ली: चीन ने मंगलवार को फिर से घुसपैठ की कोशिश की है. लद्दाख के चुमार में एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना की चौकसी देखकर चीनी सैनिक भाग गए. वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है. इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीन की सेना के 29-30 अगस्त की रात को पैंगोंग झील के दक्षिण बैंक क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का प्रयास किया. लेकिन भारतीय सेना ने इस आक्रामक कार्रवाई का जवाब दिया और LAC पर देश की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित की.

विदेश प्रवक्ता के अनुसार इस घटना के अगले दिन 31 अगस्त को जब दोनों सेनाओं के कमांडर बैठक करके तनाव कम करने की कोशिश में लगे थे तो चीनी सेना ने रात में फिर से आक्रामक कार्रवाई करने की कोशिश की.  लेकिन भारतीय सेना के समय पर लिए गए एक्शन की वजह से वह अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाई.  

चीन से अपने फ्रंटलाइन सैनिकों को कंट्रोल करने का अनुरोध
विदेश प्रवक्ता ने कहा कि इस साल के शुरू से ही चीनी सैनिकों का व्यवहार और उनके एक्शन दोनों देशों के बीच हुए सीमा समझौतों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन रहे हैं. उनके ये एक्शन दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति का उल्लंघन करते हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीनी सैनिकों के इन एक्शन और आक्रामक कार्रवाइयों के बारे में चीन के सामने राजनयिक और सैन्य चैनलों के जरिए उठाया गया है. चीन से आग्रह किया गया है कि वह अपने सैनिकों पर कंट्रोल करे और उसे उकसावेपूर्ण कार्रवाइयों से रोके.

भारत ने पैंगोंग सो के दक्षिणी तटीय इलाके में अपनी उपस्थिति और मजबूत की
चीन द्वारा पैंगोंग सो के दक्षिणी तटीय इलाके में यथास्थिति बदलने के ताजा प्रयास के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में स्थिति की व्यापक समीक्षा की. आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘लगभग दो घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अपना आक्रामक रुख जारी रखेगी ताकि चीन के किसी भी 'दुस्साहस' से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.’’

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अतिरिक्त सैनिकों के साथ ही टैंकों की तैनाती करके पैंगोंग सो के दक्षिणी तटीय क्षेत्र के आसपास अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है. एक सूत्र ने कहा, 'भारतीय सेना अब पैंगोंग सो के दक्षिण तट के पास की सभी रणनीतिक पर्वत ऊंचाईयों पर हावी है.'

उन्होंने बताया कि बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया सहित अन्य शामिल थे.

थल सेना प्रमुख नरवणे ने बैठक में मौजूदा स्थिति, सेना की परिचालन तैयारियों और सर्दियों के महीनों में कर्मियों एवं हथियारों की मौजूदा स्थिति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी.

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