14 की उम्र में KBC में जीते 1 करोड़ रुपये, फिर बने IPS, आज इनसे थर-थर कांपते हैं अपराधी
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14 की उम्र में KBC में जीते 1 करोड़ रुपये, फिर बने IPS, आज इनसे थर-थर कांपते हैं अपराधी

क्विज गेम शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) में महज 14 साल की उम्र में 1 करोड़ रुपये जीतने वाले रवि मोहन सैनी (Ravi Mohan Saini) ने बाद में यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम क्लियर किया और अब गुजरात के पोरबंदर के पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में कार्यरत हैं.

रवि मोहन सैनी गुजरात के पोरबंदर में एसपी पद पर तैनात हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: टेलीविजन के मशहूर क्विज गेम शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) में अब तक कई लोग करोड़पति बन चुके हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि साल 2001 में एक लड़के ने महज 14 साल की उम्र में 1 करोड़ रुपये जीते थे. उस लड़के का नाम रवि मोहन सैनी (Ravi Mohan Saini) है, जिन्होंने बाद में यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम क्लियर किया और अब गुजरात के पोरबंदर में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में कार्यरत हैं.

  1. रवि ने 2001 में 14 साल की उम्र में 1 करोड़ रुपये जीते थे
  2. रवि ने 2014 में यूपीएससी एग्जा में सफलता पाई और आईपीएस बने
  3. गुजरात के पोरबंदर में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में कार्यरत हैं

सभी 15 सवालों के जवाब देकर बने थे करोड़पति

रवि मोहन सैनी (Ravi Mohan Saini) ने साल 2001 में महज 14 साल की उम्र में कौन बनेगा करोड़पति जूनियर (KBC Junior) में अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे गए सभी 15 सवालों के सही जवाब दिए थे और एक करोड़ रुपये जीते थे. रवि सैनी ने जब 'कौन बनेगा करोड़पति जूनियर' में हिस्सा लिया था, तब वे 10वीं क्लास में पढ़ रहे थे.

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राजस्थान के रहने वाले हैं रवि सैनी

रवि मोहन सैनी (Ravi Mohan Saini) मूल रूप से राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं और उनके पिता नौसेना के रिटायर्ड अफसर हैं. पिता की पोस्टिंग की वजह से उनकी स्कूली पढ़ाई आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित नौसेना पब्लिक स्कूल (Naval Public School) से हुई और एकेडमिक करियर में टॉपर रहे हैं.

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12वीं के बाद किया एमबीबीएस

Zee News की सहयोगी वेबसाइट DNA की रिपोर्ट के अनुसार, 12वीं के बाद रवि मोहन सैनी (Ravi Mohan Saini) ने जयपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस (MBBS) किया. एमबीबीएस के बाद इंटर्नशिप के दौरान उनका चयन सिविल सर्विस में हो गया।. रवि ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता नेवी में थे और उनसे प्रभावित होकर ही उन्होंने आईपीएस चुना.

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तीसरे प्रयास में बने आईपीएस

रवि मोहन सैनी (Ravi Mohan Saini) साल 2012 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) में शामिल हुए थे और प्रारंभिक परीक्षा को पास करने में सफल रहे, लेकिन मुख्य परीक्षा को पास नहीं कर सके. सैनी 2013 में फिर से यूपीएससी में शामिल हुए और उन्हें भारतीय डाक और दूरसंचार विभाग में अकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विस के लिए चुना गया. इसके बाद साल 2014 में उन्होंने तीसरी बार यूपीएससी एग्जाम दिया और ऑल इंडिया में 461वीं रैंक हासिल कर आईपीएस अफसर बने.

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