Kangana Ranaut: बेबाक-बेझिझक या बदमिजाज! कंगना क्यों हर बार आफत मोल लेती हैं?
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Kangana Ranaut: बेबाक-बेझिझक या बदमिजाज! कंगना क्यों हर बार आफत मोल लेती हैं?

Kangana on Farmers Protest: बुजुर्गों ने कहा है तोल-मोल के बोल... लेकिन बॉलीवुड की क्वीन कंगना को ये समझ नहीं आता. वे जो मुंह पर आता है वो कह देती हैं. कृषि कानूनों पर बयान देने वाली कंगना ने पहली बार बीजेपी के लिए मुश्किल नहीं खड़ी की है. कंगना के विवादित बयानों की एक लंबी फेहरिश्त है. इसमें उद्धव ठाकरे से लेकर जावेद अख्तर और सीबीएफसी तक निशाने पर रहे हैं. 

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Kangana Ranaut News: हिमाचल प्रदेश से निकलकर बॉलीवुड में टॉप की हिरोइनों में शुमार होने वाली कंगना रनौत बीते कुछ सालों से किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बनी रहती हैं. सिल्वर स्क्रीन पर 'गैंगस्टर' की तरह ही सियासत में आने पर भी उन्होंने दमदार ओपनिंग की. पहला चुनाव लड़ीं और सीधे जा बैठीं देश की सबसे बड़ी पंचायत में, यानि लोकसभा में. बीजेपी के टिकट पर जीतने के बाद से ही वो जब-तब ऐसे बयान दे रही हैं, जो पार्टी के लिए ही कई बार असहज स्थिति पैदा कर रहा. ताजा मामला किसानों पर दिया उनका बयान है, जिस पर बवाल मचा है. जानिए कंगना से जुड़े ऐसे 9 बवाली किस्से, जिन्होंने जमकर हेडलाइन्स बटोरीं. 

'तीन कृषि कानूनों को वापस लाना चाहिए'

कंगना रनौत ने 2021 में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लाने वाले अपने बयान पर कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए कि वह सिर्फ एक कलाकार नहीं हैं, बल्कि भाजपा सदस्य भी हैं. हरियाणा में मतदान से ठीक पहले कंगना के इस बयान से भारतीय जनता पार्टी ने फौरन किनारा कर लिया. वहीं अब विपक्ष कंगना पर हमलावर है. 

'लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे'

कंगना ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 'भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति' पैदा कर रहा था, और विरोध प्रदर्शन स्थल पर 'लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे'. भाजपा ने उनकी टिप्पणी की निंदा की और स्पष्ट किया कि उन्हें पार्टी के नीतिगत मामलों पर टिप्पणी करने की न तो अनुमति है और न ही वह इसके लिए अधिकृत हैं. 

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'केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड एक गैर जरूरी संस्था'

कंगना की फिल्म 'इमरजेंसी' फिलहाल केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के पास अटकी हुई है और इस महीने की शुरुआत में प्रस्तावित उसकी रिलीज भी टल गई. फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाने वाली रनौत ने इसका सह-लेखन, सह-निर्माण और निर्देशन किया है. वह लगातार सीबीएफसी पर निशाना साधती रही हैं और एक बार इसे 'गैरजरूरी संस्था' तक कहा. फिल्म की कई सिख धार्मिक संस्थाओं ने आलोचना की है, जिनका दावा है कि यह 'सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है' और 'गलत सूचना फैला सकती है'.

 

'2014 में देश को मिली आजादी'

इसी प्रकार नवंबर 2021 में एक समाचार चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रनौत की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को 2014 में 'वास्तविक स्वतंत्रता' प्राप्त हुई, जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई. 1947 में स्वतंत्रता 'भीख' थी. तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उन्हें पद्मश्री सम्मान प्रदान किए जाने के दो दिन बाद आये उनके इस विवादास्पद बयान से नेताओं, इतिहासकारों, शिक्षाविदों, साथी अभिनेताओं और अन्य सहित कई लोगों ने नाराजगी जताई थी और कई लोगों ने कहा था कि उन्हें अपना सम्मान लौटा देना चाहिए.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने भी किया ब्लॉक

इससे पहले मई 2021 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने खराब आचरण और अपमानजनक व्यवहार संबंधी नीतियों के बार-बार उल्लंघन करने पर कंगना के खाते को सस्पेंड कर दिया था. अभिनेत्री ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की भाजपा पर जीत और उस वर्ष चुनाव-बाद हिंसा की घटनाओं को लेकर कई भड़काऊ संदेश पोस्ट किए थे. सोशल मीडिया मंच ने पहले उनकी बहन रंगोली चंदेल का अकाउंट निलंबित कर दिया था, जिसके बाद रनौत ट्विटर पर सक्रिय हो गई थीं. जनवरी 2023 में टेस्ला के बॉस एलन मस्क द्वारा माइक्रोब्लॉगिंग साइट का अधिग्रहण करने के बाद रनौत का अकाउंट बहाल कर दिया गया. 

'प्रदर्शनकारी किसान आतंकवादी'

2020-2021 में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान, रनौत ने कई अपमानजनक टिप्पणियां कीं. एक बार तो उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों को 'आतंकवादी' तक कह दिया. जब उन्होंने पंजाब की एक महिला किसान को बिलकिस बानो कहा तो उनकी पंजाबी अभिनेता-गायक दिलजीत दोसांझ के साथ तीखा वाकयुद्ध देखने को मिला था. महिला किसान 80 वर्ष से ज्यादा उम्र की हैं और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं.

जावेद अख्तर से कानूनी पंगा

नवंबर 2020 में गीतकार जावेद अख्तर ने भी कंगना के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज की थी. उसमें दावा किया गया था कि अभिनेत्री ने जुलाई 2020 में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत में उनका नाम घसीटकर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया. रनौत ने अख्तर के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत में जवाबी शिकायत दर्ज कराते हुए उन पर आपराधिक धमकी और लज्जा भंग करने का आरोप लगाया. अभिनेत्री ने आरोप लगाया था कि 2016 में गीतकार के साथ उनके आवास पर मुलाकात के दौरान, उन्होंने उन्हें धमकाया था और मांग की थी कि वह एक सह-कलाकार से माफी मांगें. ये मामला फिलहाल अदालत में है. 

 

मुंबई की तुलना पीओके से 

सितंबर 2020 में कंगना शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के साथ तब विवाद में आ गई थीं, जब उन्होंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी और मुंबई पुलिस की आलोचना की थी. इसके बाद, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने बांद्रा के पाली हिल क्षेत्र में स्थित उनके बंगले में 'अवैध निर्माण' को ध्वस्त कर दिया. इस पर भी खूब बवाल मचा था. 

'बॉलीवुड में 99% लोग करते हैं नशा'

अगस्त 2020 में रनौत ने यह दावा करके मुसीबत मोल ले ली थी कि बॉलीवुड में 99 प्रतिशत लोग नशीले पदार्थ का सेवन करते हैं. उनका ये बयान सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद आया था. बाद में बॉलीवुड के कई अभिनेताओं और कई राजनीतिक दलों ने भी इस बयान की आलोचना की थी. 

 

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