Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-2 की गलतियों में सीखकर चंद्रयान-3 मिशन में हासिल की सफलता, इसरो चीफ ने बताई खास बात
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Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-2 की गलतियों में सीखकर चंद्रयान-3 मिशन में हासिल की सफलता, इसरो चीफ ने बताई खास बात

Chandrayaan-3 Latest Update: इसरो (ISRO) के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने बताया है कि चंद्रयान-2 विफल होने पर उनकी टीम ने क्या-क्या सीखा और कैसे चंदयान-3 के मिशन में सफलता हासिल की.

Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-2 की गलतियों में सीखकर चंद्रयान-3 मिशन में हासिल की सफलता, इसरो चीफ ने बताई खास बात

ISRO Chief Statement: चांद (Moon) पर हिंदुस्तान का सबसे बड़ा मुकाम बन चुका है. दुनिया के तमाम बड़े देशों को हिंदुस्तान ने पीछे छोड़ दिया है. चांद के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर विक्रम लैंडर (Vikram Lander) से प्रज्ञान रोवर (Pragyaan Rover) भी बाहर आ चुका है और अब तक 6 बड़े मूवमेंट भी कर चुका है. रोवर प्रज्ञान के बाहर आने के साथ ही हिंदुस्तान अंतरिक्ष का सिकंदर बन गया. इस बीच, इसरो (ISRO) के चेयरमैन एस. सोमनाथ (S. Somnath) ने ज़ी मीडिया से फोन पर एक्सक्लूसिव बात की. एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 हमारी भारतीय टेक्नोलॉजी का कमाल है.

चंद्रयान-2 की गलतियों में किया सुधार

इसरो के चीफ एस. सोमनाथ ने ये भी कहा कि ISRO के नए प्लान जल्द बताएंगे. चंद्रयान-2 की गलतियों में सुधार से चंद्रयान-3 में सफलता मिली. बता दें कि चंद्रयान-3 की चांद के साउथ पोल पर कामयाब सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो चीफ एस, सोमनाथ को फोन किया और चंद्रयान-3 को मिली सफलता के लिए बधाई दी. गौरतलब है कि भारत के लिए अंतरिक्ष में ये कामयाबी कितनी बड़ी है आप इन आंकड़ों से समझिए. दुनिया में 195 देश हैं लेकिन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला सिर्फ अपना हिंदुस्तान है.

प्रज्ञान रोवर ने चांद पर शुरू किया काम

जान लें कि चंद्रयान की सफल लैंडिग के बाद प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर आ गया है और अब सारा काम इसी प्रज्ञान रोवर को करना होगा. रोवर अब अगले 14 दिनों तक चांद के बारे में जानकारी इकट्ठा करेगा और साउथ पोल के उन रहस्यों से पर्दा उठाएगा जो अब तक दुनिया के लिए पहेली बने हुए हैं.

रासायनिक तत्वों की करेगा पहचान

इसरो के मुताबिक चंद्रयान-3 चंद्रमा की परत और आवरण की जांच करेगा. सतह पर मौजूद रासायनिक तत्वों की पहचान करेगा. चांद की मिट्टी और चट्टानों में रासायनिक यौगिकों का पता लगाएगा. मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, सिलिकॉन जैसे तत्वों की खोज करेगा. 

रोवर कैल्शियम और टाइटेनियम की तलाश करेगा. इसके अलावा चंद्रमा की सतह पर तापीय गुणों का अध्ययन करेगा. लैंडिंग स्थल पर भूकंप की गतिविधियों की जांच करेगा और ब्रह्मांड में पृथ्वी जैसे दूसरे ग्रहों की खोज में मदद भी करेगा. ISRO के डायरेक्टर एस. सोमनाथ ने कहा कि अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रज्ञान हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा. इसके अलावा हमारे कई मिशन अभी कतार में हैं.

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