जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों को भी मिलेगी सुरक्षा, केंद्र भेजेगा अर्धसैनिकों बलों की 800 कंपनियां
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों को भी मिलेगी सुरक्षा, केंद्र भेजेगा अर्धसैनिकों बलों की 800 कंपनियां

जम्मू कश्मीर में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आतंकी हमले का खतरा सबसे ज्यादा है. पाकिस्तान किसी भी कीमत पर कश्मीर के चुनावों को सफल नही होने देना चाहता.

अनंतनाग में चैकि‍ंग के दौरान तैनात सुरक्षाकर्मी. फोटो : अाईएएनएस

नई दिल्‍ली: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों को जहां जून महीने में कराए जाने की तैयारियां की जा रही है, वहीं गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग के बीच बैठक में ये फैसला किया गया है कि सरकार चुनावों में हिस्सा लेने वाले सभी उम्मीदवारों के साथ साथ पोलिंग बूथों के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएगी. इसके लिए केंद्र कश्मीर में अर्द्ध सैनिक बलों की करीब 800 अतिरिक्त कंपनियां भेजेगा. जानकारों के मुताबिक जम्मू कश्मीर में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आतंकी हमले का खतरा सबसे ज्यादा है. पाकिस्तान किसी भी कीमत पर कश्मीर के चुनावों को सफल नही होने देना चाहता.

केंद्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक विधानसभा चुनावों में सभी उम्मीदवारो के साथ साथ पोलिंग बूथों पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैय्या करना एक बड़ी चुनौती है, जिससे लोग बिना डरे और सुरक्षा के महौल में मतदान कर सकें.

सूत्रों के मुताबिक, अगर जून महीने में विधानसभा चुनाव कराए जाने पर फैसला होता है तो इसके लिए करीब 11 हज़ार पोलिंग बूथ के साथ साथ 900 के करीब अलग अलग दलों के उम्मीदवार के सुरक्षा की व्यवस्था करनी होगी. पुलवामा में हुए आतंकी हमले और उसके बाद बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान बौखलाहट में है. पाकिस्तान इस दौरान चुनावों को नाक़ाम करने के लिए बड़ी साजिश रच सकता है. पिछली बार पंचायत चुनावों में भी आतंकी गुटों ने चुनावों में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को धमकी दी थी और चुनावों का बहिष्कार करने को कहा था.

केंद्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, "आने वाले दिनों में सुरक्षा बलों के लिए सफल विधानसभा चुनावों के साथ साथ सुरक्षित अमरनाथ यात्रा कराने की दोहरी जिम्मेदारी है. ऐसे में हमें अतिरिक्त बल की जरूरत होगी. हमें प्री-पोल, पोल और आफ्टर पोल के लिए सुरक्षा बलों की जरूरत होगी. यही नहीं चुनावों में भाग लेने वाले पोलिंग एजेंट्स और पोल टीम की सुरक्षा और ईवीएम मशीन की सुरक्षा भी एक बड़ा टास्क है.

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक देश भर में हो रहे लोकसभा चुनावों के साथ जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव करा पाना नामुमकिन है. लोकसभा चुनावों में साल 2014 में जहां करीब 77 उम्मीदवार थे, वहीं विधानसभा चुनावों में 837 उम्मीदवारों ने चुनावों में हिस्सा लिया था. जाहिर है ऐसे में सभी को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए काफी फोर्सेज की जरूरत होगी. यही वजह है कि गृह मंत्रालय इन चुनावों को अलग से कराने के पक्ष में है.

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