डॉ. निर्मल सिंह ने कहा, ये सरकार एक मिली-जुली सरकार है. जब ये सरकार बनी थी तो सामने बड़े-बड़े चैलेंज थे. रोज़-रोज़ पत्थरबाज़ और अलगावादी मिलकर घाटी बंद करते रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. मुझे लगता है कि हमने सभी तरह की परिस्थितियों को सही तरीके से निबटाया है...
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नई दिल्ली : कश्मीर में आतंकवादियों के साथ-साथ आम नागरिकों के मारे जाने पर बेशक बीजेपी और पीडीपी में तनातनी चल रही हो, लेकिन राज्य के उप मुख्यमंत्री डॉ.निर्मल सिंह को लगता है कि सरकार न सिर्फ पूरी चलेगी, बल्कि उनके राज में घाटी आतंक के साये से मुक्त हो जाएगी.
सवाल- पीडीपी के साथ आपके तीन साल पूरे हो गए हैं, लेकिन बीजेपी और पीडीपी के बीच खटपट लगातार चलती रहती है, क्या सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी?
डॉ. निर्मल सिंह- ये बात सही नहीं है कि दोनों के बीच में बहुत तनातनी है. दोनों अलग-अलग पार्टियां हैं. दोनों के बीच कुछ मुद्दों को लेकर असहमति हो सकती है, लेकिन जो बड़े मुद्दे हैं, उनपर दोनों पार्टियों एक साथ हैं, चाहे वो आतंकवाद का मुद्दा हो या अलगावाद का. हम दोनों पार्टियों ने तय किया हुआ है कि जो विवादित मुद्दे हैं उनको हम नहीं छेड़ेंगे. जैसे की AFSPA के मुद्दे पर पीडीपी ये मानती है कि इस एक्ट को हटाने का ये सही समय नहीं है. पीडीपी ने ये भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर को जो मिलेगा वो भारत से ही मिलेगा. इसलिए दोनों पार्टियां मिलकर राज्य की बेहतरी के लिए जो हो सकता है वो कर रही हैं और ये गठबंधन पूरे समय तक सरकार चलाएगा.
सवाल- इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है?
डॉ. निर्मल सिंह- देखिए ये सरकार एक मिली-जुली सरकार है. जब ये सरकार बनी थी तो सामने बड़े-बड़े चैलेंज थे. रोज़-रोज़ पत्थरबाज़ और अलगावादी मिलकर घाटी बंद करते रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. मुझे लगता है कि हमने सभी तरह की परिस्थितियों को सही तरीके से निबटाया है. पहले अर्धसैनिक बल आतंकवादियों से लड़ते थे, लेकिन अब पुलिस आतंकवादियों के खिलाफ अर्धसैनिक बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रही है. कश्मीर में पुलिस तंत्र का दोबारा से स्थापित होना एक बड़ी उपलब्धि है. जम्मू-कश्मीर के बारे में लोगों की सोच में भी बड़ा अंतर आया है. राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े काम हो रहे हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार राज्य को बहुत मदद कर रही है. केंद्र सरकार ने राज्य को एक लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया है. जो केंद्र की योजनाएं थी, उनको हम ज़मीन पर लेकर आए हैं. आतंकवाद और गोलाबारी के बावजूद भी हम योजनाओं को अमलीजामा पहना रहे हैं. जम्मू-कश्मीर मुख्य तौर पर तीन क्षेत्रों में बंटा है. जम्मू, कश्मीर और लद्दाख. इस सरकार के आने के बाद ये तीनों क्षेत्र एक-दूसरे के करीब आए हैं. ये कम बड़ी उपलब्धियां नहीं हैं.
सवाल- आपने कहा कि राज्य का इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने का काम चल रहा है?
डॉ. निर्मल सिंह- जी देखिए, जम्मू-कश्मीर की सरकार राज्य में सड़क, बिजली और टूरिज्म पर तेजी से काम कर रही है. राज्य में जहां-जहां सड़कें नहीं थीं, वहां सड़कें बन रही हैं. श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर भी काम काफी हो चुका है. राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत अगले एक साल में 10 हज़ार किलोमीटर सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा है. अगले एक साल में हम राज्य के सभी गांवों को सड़कों से जोड़ देंगे. जहां तक बिजली का सवाल है, हम सोलर को बढ़ावा दे रहे हैं, ताकि राज्य बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो सके. इसके लिए कई तरह की योजनाएं लेकर आ रहे हैं, लेकिन इन सबका नतीजा आने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि हम अपने राज्य के टूरिज्म को तेजी से बढ़ावा दे रहे हैं.
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सवाल- आतंकवाद को कब तक खत्म कर देंगे?
डॉ. निर्मल सिंह- देखिए आतंकवाद एक लंबी लड़ाई है. अब कश्मीरी चाहते हैं कि ये आतंकवाद खत्म हो. एक बड़ा बदलाव अब कश्मीर में दिख रहा है. पहले कश्मीर मुख्य मुद्दा था, लेकिन अब आतंकवाद मुख्य मुद्दा है. NIA ने हाल ही में जो छापे मारे हैं, उसके बाद प्रदेश में हवाला के पैसे पर अंकुश लग गया. इससे आतंक की फंडिंग पर काफी रोक लगी है. नोटबंदी और NIA के छापों से आतंक की इंडस्ट्री जो पनप रही थी, उसकी कमर टूट गई है. इससे अधिकारियों के हौंसले भी बढ़े हैं. पहले जहां इनकम टैक्स के अधिकारी अंदर के इलाकों में जा नहीं सकते थे, लेकिन अब इनकम टैक्स अधिकारी बड़े आराम से अपना काम करते हैं. इससे उम्मीद है कि जल्द ही आतंकवादी घटनाओं में और कमी आएगी. अब आम कश्मीरी चाहता है कि उनके बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें. इसलिए,वो प्रशासन की मदद कर रहे हैं. पुलिस और सेना ने जो आतंकवादियों के सफाए का अभियान चलाया हुआ है, उससे आतंकवादी भाग रहे हैं. इसलिए अब कहा जा सकता है कि जल्द ही घाटी आतंकवादियों से मुक्त होगी.