Jaya Prada Case : मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है, जब जया प्रदा रामपुर सीट से बीजेपी की उम्मीदवार थीं. सात बार गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद जया प्रदा कोर्ट के सामने पेश नहीं हुईं.
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Rampur News: अभिनेत्री और पूर्व सांसद जया प्रदा को यूपी के रामपुर की एक विशेष अदालत ने फरार घोषित कर दिया है, क्योंकि वह अपने खिलाफ दो मामलों की सुनवाई में हाजिर नहीं हुईं. यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है, जब वह रामपुर सीट से बीजेपी की उम्मीदवार थीं. सात बार गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद जया प्रदा कोर्ट के सामने पेश नहीं हुईं.
6 मार्च को कोर्ट में पेश करने का आदेश
जस्टिस शोभित बंसल की अगुआई वाली एमपी- एमएलए विशेष अदालत ने अब एसपी को आदेश दिया है कि वह डिप्टी एसपी के नेतृत्व वाली एक टीम बनाएं जो 6 मार्च को जया प्रदा को कोर्ट में पेश करे. यह कानूनी प्रावधान तब लागू किया जाता है, जब कोई आरोपी शख्स वारंट के बावजूद अदालत में पेश होने में विफल रहता है, जिससे उसकी हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए उद्घोषणा प्रक्रिया शुरू होती है. जया प्रदा पहले राज्यसभा सांसद और फिर लोकसभा सांसद बनीं. वह 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुई थीं.
क्या है मामला?
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि जयप्रदा के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े दो मुकदमे कैमरी और स्वार थानों में दर्ज किए गए थे. उन्होंने बताया कि इन मामलों में विशेष एमपी—एमएलए अदालत ने कई बार समन जारी किया मगर पूर्व सांसद हाजिर नहीं हुईं. उनके मुताबिक उसके बाद अलग-अलग तारीखों पर उनके खिलाफ सात बार गैर जमानती वारंट जारी किए गए लेकिन पुलिस उन्हें हाजिर नहीं कर सकी.
'खुद को बचा रहीं जया प्रदा'
उन्होंने बताया कि पुलिस ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में कहा कि जयाप्रदा खुद को बचा रही हैं और उनके सभी मोबाइल नम्बर भी बंद हैं. तिवारी ने बताया कि इस पर जज शोभित बंसल ने कड़ा रुख अपनाते हुए जयप्रदा को फरार घोषित कर दिया. अदालत ने रामपुर के पुलिस अधीक्षक को आदेश भी दिया कि वह किसी पुलिस क्षेत्राधिकारी की अगुवाई में एक टीम बनाएं और जयप्रदा को गिरफ्तार कर सुनवाई की अगली तारीख छह मार्च को अदालत में हाजिर करें.
(एजेंसी इनपुट के साथ)