मुर्गी के बच्चों पर गिद्ध की नजर, विधायकों को बचाने के लिए हैदराबाद शिफ्ट करने पर बोली JMM
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मुर्गी के बच्चों पर गिद्ध की नजर, विधायकों को बचाने के लिए हैदराबाद शिफ्ट करने पर बोली JMM

Jharkhand News: विधायक दल के नेता चंपई सोरेन दो बार राज्यपाल से मिले लेकिन अभी उन्हें शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया गया. ऐसे में अब झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन ने अपने विधायकों को बचाने का अभियान शुरू कर दिया है. उन्हें 'ऑपरेशन लोटस' का डर साफ नजर आ रहा है.

मुर्गी के बच्चों पर गिद्ध की नजर, विधायकों को बचाने के लिए हैदराबाद शिफ्ट करने पर बोली JMM

Political Crisis In Jharkhand: झारखंड में सियासी उठापटक के बीच, दो चार्टर्ड प्लेन रांची एयरपोर्ट पर उतरे हैं. बताया जा रहा है कि एक चार्टर्ड प्लेन 10 सीटर का है, जबकि दूसरा 33 सीट का है.  इनका इस्तेमाल विधायकों को हैदराबाद ले जाने के लिए किया जा सकता है. उधर रांची से बसों में बैठकर विधायक एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कितने विधायकों को हैदराबाद ले जाया जाएगा. लेकिन यह तय है कि अब झारखंड में 'विधायक बचाओ मुहिम' शुरू हो गई है. इसका कारण यह है कि बीजेपी ने एक्शन प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है और वह भी सरकार बनाने की संभावनाओं को तलाशने में पीछे नहीं है.

इस पूरे मामले पर जेएमएम का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि जब मुर्गी को लगता है कि उसके बच्चे पर गिद्ध की नज़र है तो वो इसी तरह बचाती हैं. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चंपई सोरेन दो बार राज्यपाल से मिले लेकिन अभी उन्हें शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया गया. ऐसे में अब झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन ने अपने विधायकों को बचाने का अभियान शुरू कर दिया है. चंपई ने राज्यपाल से कहा कि उनके पास 43 विधायकों का समर्थन है. 

अभी मौसम की वजह से नहीं उड़ पाया विमान
यह भी बताया गया कि कई विधायक प्लेन में बैठ गए हैं. लेकिन रांची में घने कोहरे और विजिबिलिटी बेहद कम होने के कारण प्लेन अभी नहीं उड़ पाई है. बारिश के बाद ह्यूमिडिटी बढ़ने की वजह से फॉग आसमान में है. साथ ही बादल भी होने की वजह से फॉग का लेयर जमा हो गया है. मौसम विभाग ने कल सुबह के लिए भी घने कोहरे की आशंका जताई है. बताया गया है रांची में कुछ जगहों पर बारिश होने की भी संभावना है. इसी बीच प्लेन के अंदर से कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं.

हैदराबाद क्यों जा रहे विधायक?
ऐसा इसलिए क्योंकि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार है और वहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के गठबंधन वाले विधायक सुरक्षित रहे सकते हैं. वरना उनकी खरीद फरोख्त के डर हैं. ऐसा पहले भी हो चुका है जब विधायकों को बचाने के लिए उन्हें राज्य से बाहर ले जाया गया है. फिलहाल अभी यह सामने नहीं आया है कि कितने विधायकों को वहां भेजा जा रहा है. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बीजेपी लगातार कह रही है कि सोरेन के पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन नहीं है. अब देखना होगा कि बीजेपी का मूव क्या होगा.

ऐसी तस्वीर क्यों बन गई?
पहले ही लगाया जा रहा था कि दौरान चंपई सोरेन सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. अब देखना है कि राज्यपाल उन्हें हरी झंडी देते हैं या कोई और बाजी देखने को मिल सकती है क्योंकि बीजेपी के अंदरखाने भी बैठक चल रही है. लेकिन राज्यपाल की तरफ से इतना लेट क्यों हो रहा है यह समझने की जरूरत है. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद यह दूसरी बार है जब चंपई सोरेन राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं. लेकिन शपथग्रहण का समय अब भी नहीं मिला है. कयास यह लगाए जा रहे हैं कि राज्यपाल किसी और हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं.

क्या हो सकता है ऑपरेशन लोटस?
राज्यपाल की तरफ से किए जा रहे लेट की वजह से 'ऑपरेशन लोटस' का भी डर सता रहा है. झामुमो और कांग्रेस संशय के साथ-साथ संदेह के दौर में भी है. क्योंकि बीजेपी पहले ही सक्रिय हो चुकी है. गणित की बात करें तो कुल मौजूद 79 विधायकों में बहुमत का आंकड़ा 41 है. चंपई सोरेन का दावा है कि उनके पास 43 विधायकों के समर्थन का दावा है. वहीं बीजेपी के पास 26 सदस्य हैं. आजसूके 3, एनसीपी के एक और दो अन्य सांसद हैं. 

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