उपराज्यपाल ने कहा कि कुलपति मिलकर एक रिपोर्ट तैयार करें. जिसमें बताया जाए कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति से कैसे लाभ उठाया जा सकता है और इसे पूरा करने में क्या चुनौतियां हैं.
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में उपराज्यपाल का पदभार संभालने के बाद मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने प्रदेश का कायाकल्प करने का काम शुरू कर दिया है. उन्होंने शुक्रवार को राजभवन में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाकर जम्मू कश्मीर में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने का रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया.
उन्होंने रूसा के तहत अनुदान के कार्यान्वयन के लिए एक प्रभावी रणनीति तैयार करने के महत्व पर जोर दिया और कुलपतियों से विश्वविद्यालयों द्वारा पिछले तीन साल में की गई पांच अनूठी पहलों और शिक्षण एवं सीखने के कार्यक्रमों पर इनके प्रभाव की एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा.
राजभवन में आयोजित बैठक में उपराज्यपाल ने कहा कि कुलपति मिलकर एक रिपोर्ट तैयार करें. जिसमें बताया जाए कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति से कैसे लाभ उठाया जा सकता है और इसे पूरा करने में क्या चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की समृद्ध संस्कृति और प्राचीन इतिहास है, इस संस्कृति का प्रचार किया जाना चाहिए. उन्होंने समाज में दलित समानता और वंचित वर्गों के लैंगिक विकास की दिशा में भी काम करने का निर्देश दिया.
उन्होंने कुलपतियों को कॉलेजों के दाखिले में आरक्षण और भर्ती नियमों का कड़ाई से पालन करने में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कहा. उपराज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय छात्रों की जरूरतों को देखते हुए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करें. साथ ही पास आउट होने वाले छात्रों के प्लेसमेंट और कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाए.
एलजी मनोज सिन्हा ने कुलपतियों को शिक्षक भर्ती, स्वीकृत सीटों के मुकाबले प्रवेश की संख्या, वैधानिक निकाय की बैठकों के स्टेटस, कुलपति के कार्यालय के अलावा लंबित किसी भी मुद्दे जैसे नामांकन, अनुमोदन आदि के बारे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.
उपराज्यपाल ने सभी उपलब्ध टेक्नोलॉजी बेस्ड लर्निंग प्लेटफार्म्स के अधिकतम उपयोग पर जोर देने के लिए कहा. इसके अलावा उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को उन्नत शैक्षिक संसाधन प्लेटफार्म्स के साथ जोड़ने के लिए ई-लर्निंग टूल और अन्य आईसीटी टेक्नोलॉजी बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम्स के अपडेशन के लिए भी कहा. उन्होंने इन योजनाओं के प्रभावी और व्यावहारिक होने पर फीडबैक भी मांगा.
एलजी मनोज सिन्हा ने कुलपतियों से विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और अनुसंधान के माहौल को तैयार करने के लिए व्यापक उपाय करने का अनुरोध किया.
करीब दो घंटे चली बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार केवल कुमार शर्मा, प्रधान सचिव बिपुल पाठक और जम्मू विश्वविद्यालय, कश्मीर विश्वविद्यालय, क्लस्टर विश्वविद्यालय, श्रीनगर, शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी कश्मीर, श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी, बाबा गुलाम शाह बादशाह यूनिवर्सिटी, इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति मौजूद रहे.
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