Vaishno Devi में अब नहीं दिखेगी बदइंतजामी! भीड़ के लिए ये खास टेक्नोलॉजी लाया प्रशासन
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Vaishno Devi में अब नहीं दिखेगी बदइंतजामी! भीड़ के लिए ये खास टेक्नोलॉजी लाया प्रशासन

RFID System: आरएफआईडी से यात्रियों तक आसानी से पहुंच बनी रहेगी और उन्हें कम से कम असुविधा होगी. इसके अलावा स्काई वॉक का कंस्ट्रक्शन वर्क दिसंबर तक पूरा हो जाएगा.

Vaishno Devi में अब नहीं दिखेगी बदइंतजामी! भीड़ के लिए ये खास टेक्नोलॉजी लाया प्रशासन

Vaishno Devi News: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने माता वैष्णोदेवी मंदिर के तीर्थयात्रियों के लिए बुधवार को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) सिस्टम की शुरुआत की. आरएफआईडी प्रणाली नए साल के दिन इस धर्मस्थल पर भगदड़ मचने के बाद तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मंजूर की कई नई परियोजनाओं का हिस्सा है. इस भगदड़ में 12 लोगों की जान गई थी और 16 अन्य घायल हो गए थे. सिन्हा ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के 37 वें स्थापना दिवस के मौके पर कहा कि आरएफआईडी से यात्रियों तक आसानी से पहुंच बनी रहेगी और उन्हें कम से कम असुविधा होगी. उन्होंने कहा कि 'स्काई वॉक' का कंस्ट्रक्शन वर्क दिसंबर तक पूरा हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि हर महीने 8-9 लाख श्रद्धालुओं को संभालने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि भीड़ को संभालने और यात्रियों पर नजर रखने के लिए 29 काउंटर्स और कंट्रोल रूम कटरा में स्थापित किए गए हैं. जबकि वेरिफिकेशन काउंटर्स को 13 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर 7 जगहों पर स्थापित किया गया है. सिन्हा ने कहा कि नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) और कटरा डेवेलपमेंट अथॉरिटी के बीच एक एमओयू 30 अगस्त को हुआ है. अपनी तरह के ये खास इंटरमॉडल स्टेशन्स श्रद्धालुओं के लिए होंगे. इसमें हैलिपैड, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, पार्किंग, फाइव स्टार होटल और अन्य आधुनिक सुविधाएं एक ही जगह पर होंगी. 

एलजी ने कहा कि दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाएं मिलती हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था और श्रद्धालुओं के बीच संबंध को और मजबूत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन काम कर रहा है. एलजी ने कहा, 'आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और पुनरोद्धार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और देश के धार्मिक पर्यटन सर्किट पर पुरमंडल-उटरबेहनी, मानसर-सुरिंसर और शिव खोरी जैसे प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक स्थानों को लाने की कोशिशें चल रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के अवसर भी पैदा होंगे.'

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