JNU फिर विवादों में, दशहरे पर रावण की जगह पीएम मोदी का पुतला फूंका, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
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JNU फिर विवादों में, दशहरे पर रावण की जगह पीएम मोदी का पुतला फूंका, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) एक बार फिर विवादों में है। जानकारी के अनुसार, जेएनयू में दशहरे के मौके पर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रावण के तौर पर दर्शाते हुए पुतला जलाया है, जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया है। वहीं, इस घटना के सामने आते ही जेएनयू के वीसी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।    

JNU फिर विवादों में, दशहरे पर रावण की जगह पीएम मोदी का पुतला फूंका, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

नई दिल्‍ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) एक बार फिर विवादों में है। जानकारी के अनुसार, जेएनयू में दशहरे के मौके पर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रावण के तौर पर दर्शाते हुए पुतला जलाया है, जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया है। वहीं, इस घटना के सामने आते ही जेएनयू के वीसी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।    

रिपोर्टों के अनुसार, कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कुछ और लोगों का चेहरा मिलाकर एक पुतले का दहन किया है। पीएम के साथ 9 चेहरे लगाकर पुतले का दहन किया गया है। इसमें अमित शाह, बाबा रामदेव, नाथूराम गोडसे, जेएनयू के वीसी के चेहरे भी लगाए गए हैं। जेएनयू परिसर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने साबरमती ढाबे के पास पुतले का दहन किया। एनएसयूआई का कहना है कि हमने रावण नहीं बल्कि पीएम मोदी का पुतला जलाया।

मामला सामने आते ही जेएनयू ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। वाइस चांसलर एम जगदेश कुमार ने कहा कि जेएनयू में पुतला दहन की घटना हमारे संज्ञान में आई है। हमने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। मंगलवार रात को जिन पुतलों को परिसर में जलाया गया उनमें से एक पर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर जगदेश कुमार की तस्वीर भी लगाई गई थी। जगदेश कुमार ने कहा कि हम इस मामले को देख रहे हैं। इससे एक हफ्ते पहले विश्वविद्यालय ने गुजरात सरकार और गौरक्षकों के पुतले जलाए जाने के मामले में प्रॉक्टर से जांच करवाने के आदेश दिए थे और इससे संबंधित विद्यार्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

दूसरी ओर, एनएसयूआई पुतला फूंकने वाले सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगी। एनएसयूआई का कहना है कि जेएनयू परिसर में किसी तरह का पुतला फेंकना एनएसयूआई के कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान एनएसयूआई के एक छात्र ने कहा हम हमने झूठ और फरेब के रावण का पुतला फूंका है। मोदी जी ने जो वादे किये उसे पूरा नहीं किया। दलितों पर हमले बढ़ गये। वही भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी ने इसका विरोध किया है। इस घटना के बाद से जेएनयू एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।

जेएनयू में मोदी के जलाये गये पुतले का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के साथ ही यह मामला तूल पकड़ने लगा है। कांग्रेस ने सवालिया लहजे में कहा कि क्‍या कभी किसी का पुतला नहीं फूंका गया है। जिस पर बीजेपी प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस का हाथ पाकिस्‍तान के साथ है। सोनिया गांधी को इस पर माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता शहनवाज हुसैन ने कहा है कि विरोध जताने के अपने तरीके हैं, लेकिन कांग्रेस की छात्र इकाई ने ऐसा कर ओछा काम किया है। भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी की मांग की है।

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