Joshimath Sinking: जोशीमठ (Joshimath) में दरार के कारण भूधंसाव का खतरा बना हुआ है. इस संकट पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwaranand) ने कहा है कि विकास के नाम पर विनाश हो रहा है.
Trending Photos
Shankaracharya Avimukteshwaranand's Statement: जोशीमठ (Joshimath) में 600 से ज्यादा मकानों में दरार आ गई है. जोशीमठ में इन घरों के धंसने का खतरा बना हुआ है. जोशीमठ में सड़कों पर दरार साफ दिख रही है. सुरक्षा के मद्देनजर जोशीमठ में जारी टनल के काम और एनटीपीसी (NTPC) के प्रोजेक्ट पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. वैज्ञानिक भी जोशीमठ के मकानों में आई दरार की जांच कर रहे हैं और इसके कारण का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच, जोशीमठ के दरार संकट पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwaranand) ने ज़ी न्यूज़ से खास बातचीत की. आइए जानते हैं कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने क्या कहा?
विकास के नाम पर विनाश
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ के दरार संकट पर कहा कि विकास के नाम पर विनाश हो रहा है. जोशीमठ को बचाना जरूरी है. मैंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और मांग की है कि जोशीमठ के संकट का सही कारण पता लगाने की कोशिश की जाए.
अलग से एक्सपर्ट टीम बुलाएंगे शंकराचार्य
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बहुत दुख की बात है कि अब तक सरकार को जोशीमठ संकट का असली कारण नहीं पता है. मैं खुद एक्सपर्ट की टीम अलग से बुला रहा हूं और दरारों का कारण पता लगाने की कोशिश करूंगा.
शंकराचार्य ने सरकार से की ये अपील
जोशीमठ के दरार संकट पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने सरकारों से अपील भी की. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार से अपील है कि जोशीमठ को बचाएं. जोशीमठ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शहर है.
गौरतलब है कि जोशीमठ में भूधंसाव, मकानों पर दरारों के चलते करीब 600 परिवारों को शिफ्ट किया जाना है. जोशीमठ आपदा से बेघर हुए परिवारों को किराए के मकान में रहने के लिए 4,000 रुपये प्रति परिवार की दर से सहायता राशि दी जाएगी.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं