जर्नलिस्ट अमीश देवगन के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर में जांच और कार्रवाई करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है.
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नई दिल्ली: सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में जर्नलिस्ट अमीश देवगन (Amish Devgan) के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर में जांच और कार्रवाई करने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. इसके साथ ही शुक्रवार को सुनावाइ के दौरान कोर्ट ने राज्य व शिकायतकर्ताओं को नोटिस जारी करते हुए आठ जुलाई तक जवाब मांगा है.
कोर्ट में देवगन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अपने शो के दौरान अनजाने में त्रुटि की थी. जिसके लिए उन्होंने बाद में सार्वजनिक माफी भी मांगी थी. लेकिन पत्रकार के खिलाफ 'जुबान फिसलने' के कारण एफआईआर दर्ज करना अन्यायपूर्ण है और उत्पीड़न के दायरे में है.
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बताते चलें कि पत्रकार अमीश देवगन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें मंबई में उनके खिलाफ दायर एफआईआर को रदद करने की मांग की गई है. इस याचिका पर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला दिया है. गौरतलब है कि अमीश के खिलाफ कांग्रेस नेता जीशान सिद्दीकी ने भी मुंबई के निर्मल नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह मुक़दमा 295A IPC के तहत दर्ज किया गया है जो गैरजमानती अपराध की श्रेणी में आता है
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