कर्नाटक सरकार की हाई कोर्ट में दलील, 'हिजाब का अधिकार अनुच्छेद 25 के तहत नहीं आता'
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कर्नाटक सरकार की हाई कोर्ट में दलील, 'हिजाब का अधिकार अनुच्छेद 25 के तहत नहीं आता'

मंगलवार को कर्नाटक सरकार ने कोर्ट में कहा कि अगर किसी की इच्छा हिजाब पहनने की है, तो 'संस्थागत अनुशासन के बीच' कोई प्रतिबंध नहीं है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा मामले में संस्थागत प्रतिबंध केवल शिक्षण संस्थानों के अंदर है और कहीं नहीं है. 

कर्नाटक सरकार की हाई कोर्ट में दलील, 'हिजाब का अधिकार अनुच्छेद 25 के तहत नहीं आता'

बेंगलुरु: कर्नाटक से शुरु हुआ हिजाब विवाद आए दिन नए मोड़ ले रहा है. मंगलवार को कर्नाटक सरकार ने कोर्ट में कहा कि अगर किसी की इच्छा हिजाब पहनने की है, तो 'संस्थागत अनुशासन के बीच' कोई प्रतिबंध नहीं है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा मामले में संस्थागत प्रतिबंध केवल शिक्षण संस्थानों (Educational Institutes) के अंदर है और कहीं नहीं है. आपको बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

  1. मंगलवार को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई
  2. कर्नाटक सरकार ने कोर्ट में दी दलील
  3. ‘हिजाब का विरोध नहीं, बस शिक्षण संस्थान के नियम जरूरी’

याचिका में निकालीं गलतियां

शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली उडुपी जिले की याचिकाकर्ता मुस्लिम लड़कियों की दलीलों का प्रतिवाद करते हुए कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने कहा कि हिजाब पहनने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (ए) की श्रेणी में आता है, न कि अनुच्छेद 25 के तहत, जैसा याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है.

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‘हिजाब का विरोध नहीं....’

कर्नाटक सरकार ने कहा, ‘अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत दावा किए गए अधिकार अनुच्छेद 19 (2) से संबंधित हैं, जहां सरकार संस्थागत प्रतिबंध के अधीन उचित प्रतिबंध लगाती है.’ चीफ जस्टिस ऋतु राज अवस्थी, जस्टिस जे. एम. खाजी और जस्टिस कृष्णा एम. दीक्षित की पीठ क्लासरूम के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. नवदगी ने कहा कि फिलहाल किसी को हिजाब पहनने से नहीं रोका जा रहा है. यह प्रतिबंध सिर्फ शिक्षण संस्थानों के अंदर है और कहीं नहीं.

‘…आपको समुदाय से निष्कासित कर दिया जाएगा’

नवदगी ने कहा, ‘हिजाब को एक आवश्यक धार्मिक प्रथा के रूप में घोषित करने की मांग का परिणाम बहुत बड़ा है, क्योंकि इसमें बाध्यता का तत्व है या फिर आपको समुदाय से निष्कासित कर दिया जाएगा.’ संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है. महाधिवक्ता ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है. नवदगी ने दलील दी, ‘कोई भेदभाव नहीं है. जैसा अनुच्छेद 15 के तहत दावा किया गया है, ये आरोप बेबुनियाद हैं.’

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इस सप्ताह में खत्म हो जाएगा विवाद?

कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही याचिकाकर्ता लड़कियों की ओर से पेश एक वकील ने हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ से उन मुस्लिम लड़कियों को कुछ छूट देने का अनुरोध किया, जो हिजाब पहनकर स्कूलों और कॉलेजों में उपस्थित होना चाहती हैं. याचिकाकर्ताओं ने हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने कहा, ‘हम इस मामले को इसी सप्ताह खत्म करना चाहते हैं. इस सप्ताह के अंत तक इस मामले को खत्म करने के लिए सभी प्रयास करें.’

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