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नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों की घोषणा पिछले महीने कर दी थी, जिसमें बिहार के रहने वाले शुभम कुमार (UPSC Topper Shubham Kumar) ने देश भर में पहला स्थान हासिल किया. इस परीक्षा में सूरत के रहने वाले कार्तिक जीवाणी (Kartik Jivani) ने 8वां स्थान हासिल किया और यूपीएससी एग्जाम में गुजरात राज्य से अब तक का सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाले व्यक्ति बन गए.
12वीं पास करने के बाद कार्तिक जीवाणी (Kartik Jivani) ने जेईई परीक्षा पास की और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (IIT Mumbai) में एडमिशन लिया. मैकेनिकल इंजीनियरिंग के चौथे साल में कार्तिक ने एक सिविल सेवक के रूप में अपना करियर बनाने का फैसला किया और फिर साल 2016 में यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी शुरू की.
कार्तिक जीवाणी (Kartik Jivani) ने साल 2017 में पहली बार परीक्षा दी, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में असफल रहे. इसके बाद उन्होंने 2 सालों तक कड़ी मेहनत की और अपने दूसरे प्रयास में साल 2019 यूपीएससी परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने में सफल रहे. कार्तिक ने ऑल इंडिया में 94वीं रैंक हासिल की. इसके बाद उनका चयन एक आईपीएस अधिकारी के रूप में हुआ.
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आईपीएस के रूप में चयन के बाद भी कार्तिक जीवाणी (Kartik Jivani) खुश नहीं थे, क्योंकि उनका लक्ष्य आईएएस बनना था. दूसरे प्रयास में कार्तिक सिर्फ दो रैंक से आईएएस बनने से रह गए थे और उन्होंने तीसरी बार परीक्षा देने का मन बनाया. तीसरे प्रयास में भी कार्तिक को सफलता मिली और उन्होंने ऑल इंडिया में 84वीं रैंक हासिल की.
कार्तिक जीवाणी (Kartik Jivani) ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी जारी रखी और हैदराबाद में आईपीएस अधिकारी के रूप में ट्रेनिंग करते हुए पढ़ाई करते रहे. कार्तिक ने अपने चौथे प्रयास में 8वां स्थान हासिल किया और आईएएस बनने का सपना पूरा किया.
DNA में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कार्तिक जीवाणी (Kartik Jivani) के पिता ने बताया कि कार्तिक आईपीएस-ट्रेनिंग के दौरान 15 दिनों का विशेष अवकाश (Special Leave) लेकर परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे. परीक्षा की तैयारी के लिए कार्तिन ने रोजाना 10 घंटे पढ़ाई की और यूपीएससी की अधिकांश तैयारी रात में की. कार्तिक पहले भी कह चुके हैं कि उन्होंने कड़ी मेहनत के बजाय स्मार्ट वर्क को चुना. इसके लिए उन्होंने किताबों के अलावा कई अन्य जगहों से मदद ली.
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