महातूफान 'AMPHAN' ने मचाई तबाही, बंगाल में कम से कम 10 लोगों की मौत
Advertisement

महातूफान 'AMPHAN' ने मचाई तबाही, बंगाल में कम से कम 10 लोगों की मौत

अम्फान (Amphan) तूफान के चलते बंगाल और ओडिशा के इलाकों में भारी तबाही हुई.

महातूफान 'AMPHAN' ने मचाई तबाही, बंगाल में कम से कम 10 लोगों की मौत

कोलकाता: महातूफान अम्‍फान ने बंगाल और ओडिशा पर कहर बरपाया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि महातूफान अम्फान की वजह से अब तक ​राज्य में 10 से 12 लोगों की मौत हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर, दक्षिण 24 परगना में तूफान ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. ये पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. कोलकाता में भी भारी नुकसान हुआ है. सचिवालय को बड़ा नुकसान पहुंचा है. कम्युनिकेशन प्रभावित हुआ है और लोगों की जान गई है. कई जगह बिजली के खंभे गिर गए है. बहुत कुछ बर्बाद हो गया है. ये सैकड़ों करोड़ का नुकसान है. इस प्राकृतिक आपदा से बंगाल को भारी नुकसान हुआ है और इससे मुझे तकलीफ हो रही है. मैं केंद्र से आग्रह करूंगी कि इसे राजनीतिक रूप से न देखकर हमारी मदद करें. और मैं बंगाल की जनता से आग्रह करूंगी कि वो राहत कैंपों से बाहर न निकलें क्योंकि ये सुरक्षित नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इतना नुकसान हुआ है कि इसका आकलन करने में तीन से चार दिन लग जाएंगे.

महातूफान 'अम्फान' ने मचाई भारी तबाही, देखें PHOTOS

साइक्लोन अम्फान बुधवार शाम को दीघा (पश्चिम बंगाल) और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच प​श्चिम बंगाल-बांग्लादेश तट को पार कर गया और हवा की रफ्तार 155- 165 किलोमीटर प्रतिघंटा से बढ़कर 185 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई है. इसके कारण तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बारिश शुरू हो गई, कई मकान ढह गए और चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा. एक समय पर महाचक्रवात बताया जा रहा यह तूफान मंगलवार से भले ही थोड़ा कमजोर पड़ गया, लेकिन इसने दो पूर्वी राज्यों में तबाही मचाई. मौसम विभाग अगले 24 घंटे के हालात पर नजर रखे हुए है. एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव काम में जुटी है. 

ये भी देखें-

एनडीआरएफ की 40 टीमें तैनात
राष्ट्रीय आपदा बचाव बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा कि तूफान अम्फान के मद्देनजर राहत और बचाव कार्यों के लिए ओडिशा में मौजूद सभी 20 टीमों को राज्य में तैनात कर दिया गया है, जबकि पश्चिम बंगाल में भी इतनी टीमों को लगाया गया है. प्रधान ने कहा कि चक्रवात अम्फान से संबंधित स्थिति तेजी से बदल रही है और उस पर करीब से निगाह रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि देशभर से छह बटालियनों से 24 टीमों को किसी भी वक्त तैनात करने के लिए तैयार रखा गया है.

प्रधान ने कहा कि टीमों को अब कोविड-19 के खतरे को दिमाग में रखते हुए काम करना होगा और वे पीपीई किटों से लैस हैं. उन्होंने राज्य सरकारों के आंकड़ों के हवाले से कहा कि पश्चिम बंगाल में अब तक पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, वहीं ओडिशा में 1.58 लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है.

राहत और बचाव कार्य
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 20 दलों को लगाया गया है जिनमें एक दल कोलकाता के शहरी इलाकों के लिए है, वहीं एक अन्य को रिजर्व रखा गया है. डीजी ने कहा कि ओडिशा में सभी 20 दलों को तैनात किया गया है और कोई भी रिजर्व नहीं है. एनडीआरएफ के एक दल में करीब 45 कर्मी होते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति तेजी से बदल रही है। यह एक लंबी कवायद है. तूफान के जाने के साथ ही एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती. दरअसल बाद में राहत और बहाली के रूप में काम शुरू होगा.’’ प्रधान ने बताया कि ओडिशा में बालासोर में छह, जगतसिंहपुर और भद्रक में चार-चार, केंद्रपाड़ा में तीन और मयूरभंज, जाजपुर एवं पुरी में एक-एक दल को तैनात किया गया है.

पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक प्रभावित हो सकने वाले जिलों में से दक्षिण 24 परगना में छह दलों को, पूर्वी मिदनापुर में चार और उत्तर 24 परगना तथा राजरहाट में तीन-तीन दलों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि देशभर की छह बटालियनों से 24 दलों को किसी भी वक्त तैनात करने के लिए तैयार रखा गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘वे तैयार हैं और 15 मिनट के अंदर उन्हें हवाई मार्ग से लाया जा सकता है. उनकी संभवत: तूफान के दौरान जरूरत नहीं हो लेकिन राहत और पुनर्वास प्रक्रिया के दौरान पड़ सकती है.’’ उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ का मुख्यालय और स्थानीय कमांडेंट संबंधित राज्य प्रशासन के साथ समन्वय से काम कर रहे हैं.

प्रधान ने कहा, ‘‘सभी टीमों के पास वायरलैस और सेटेलाइट संचार उपकरण हैं. हम किसी संचार प्रणाली पर निर्भर नहीं हैं. हमें महामारी को देखते हुए इस आपदा से निपटना है. कोविड-19 के मद्देनजर सभी टीमें पीपीई से लैस हैं.’

(इनपुट: केटी एल्‍फी, सुतपा के साथ )

Trending news