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नई दिल्ली: परमाणु हमला (Nuclear Attack) में सक्षम एकमात्र पनडुब्बी (Submarine) भी अब देश में नहीं है. इंडियन नेवी की इस सबमरीन 'आईएनएस चक्र' (INS Chakra) को रूस भेज दिया गया है. यह सबमरीन 2012 में रूस से लीज पर ली गई थी. इससे पहले 1988 में भी ऐसी ही एक सबमरीन को रूस से ही लीज पर लिया गया था.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अकुला क्लास की सबमरीन आईएनएस चक्र रूस वापस लौट रही है क्योंकि इसकी लीज खत्म हो गई है. आईएनएस चक्र के रूस लौटने की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं. हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. वहीं 2019 में भारत ने 10 साल के लिए परमाणु क्षमता से लैस सबमरीन को लीज पर लेने के लिए रूस के साथ 3 अरब डॉलर का समझौता किया था. इसके तहत 2025 तक रूस इंडियन नेवी को 'चक्र III' सबमरीन सौंपेगा.
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आईएनएस चक्र की रूस वापसी की खबर आने से एक दिन पहले ही इंडियन नेवी की सबसे पुरानी हाइड्रोग्राफिक सर्वे शिप आईएनएस संध्याक भी रिटायर हो गई है. यह शिप ऑपरेशन पवन (1987 में श्रीलंका की मदद करना) और ऑपरेशन रेनबो (2004 की सुनामी के बाद मदद करना) जैसे कई बड़े ऑपरेशन में शामिल रही. इस जहाज को 40 साल पहले 26 फरवरी 1981 में नेवी में शामिल किया गया था. हाइड्रोग्राफिक सर्वे समुद्र के अंदर कंस्ट्रक्शन करने के लिए, तेल भंडार खोजने के लिए और नेविगेशन आदि के लिए किया जाता है.