Sansad Attack 2023: संसद कांड में अब तक सात लोगों के नाम सामने आए हैं. इनमें ललित झा को मास्टरमाइंड बताया गया है. पुलिस को शक है कि इनके पीछे कोई और भी है जो इन्हें निर्देश दे रहा था. ललित ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. झा को सरदार भगत सिंह से इंस्पायर बताया जा रहा है.
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Who is Lalit Jha: संसद में घुसकर उत्पात मचाने वाले प्रदर्शनकारियों की कुंडली धीरे-धीरे सामने आ रही है. संसद कांड में अब तक कुल सात किरदार पता चले हैं. कथित मास्टरमाइंड ललित झा ने रात में दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. उससे पूछताछ की जा रही है. वह बिहार का रहने वाला है लेकिन कोलकाता में रहता है. उसके साथ महेश नाम के नए किरदार की भी एंट्री हुई है. इन दोनों ने मोबाइल में आग लगा दी थी. दरअसल, ललित झा ने संसद कांड से ठीक पहले चार आरोपियों के मोबाइल ले लिए थे. इसने संसद परिसर में प्रोटेस्ट की रिकॉर्डिंग की थी और मौके से फरार हो गया.
मोदी की आलोचना, नेहरू का मजाक
अगर आप ललित झा के सोशल मीडिया फुटप्रिंट को खंगालें तो पता चलता है कि वह भाजपा सरकार की नीतियों से संतुष्ट नहीं है. झा एक गैर सरकारी संगठन साम्यवादी सुभाष सभा के महासचिव के रूप में काम कर रहा था, जो रजिस्टर्ड नहीं है. यह एनजीओ भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर की जगह नेताजी का फोटो लगाने की वकालत करता है. इसके सोशल मीडिया पेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन की आलोचना की गई है, साथ ही गांधी और नेहरू के अहिंसक तरीकों का मजाक उड़ाया गया है. ये लोग अदम गोंडवी जैसे कवियों के साथ-साथ सुभाष चंद्र बोस, फिदेल कास्त्रो और चंद्रशेखर आजाद के विचारों को ज्यादा प्रमोट कर रहे थे. झा को टीचर बताया जा रहा है.
ललित बिहार का मूल निवासी है लेकिन कोलकाता में रहता है. वह काफी शांत रहता था. स्थानीय बच्चों को पढ़ाता था. वह कोलकाता के बड़ा बाजार इलाके में कुछ साल पहले अकेले आया था और काफी लो प्रोफाइल रहा करता था. पास में रहने वाले एक चायवाले ने बताया कि अचानक दो साल पहले उसने इलाका छोड़ दिया.
गुरुग्राम में काटी रात और...
चार मुख्य आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद और अमोल शिंदे को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है. पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में इन लोगों के खिलाफ धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (लोक सेवकों के काम में बाधा डालना), भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवकों को कर्तव्य से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), साथ ही UAPA की धारा 16 और 18 लगाई गई है. बताया जा रहा है कि पांचों मुख्य आरोपियों ने विक्रम उर्फ विक्की शर्मा नाम के व्यक्ति के गुरुग्राम के सेक्टर 7 स्थित घर पर रात बिताई थी. वे बुधवार सुबह 8 बजे घर से निकले थे. विक्रम और उनकी पत्नी राखी से भी घंटों पूछताछ हुई और बाद में जाने दिया गया.
नागौर का सातवां किरदार
रिपोर्ट के मुताबिक झा ने संसद के बाहर अमोल और नीलम के विरोध प्रदर्शन को रिकॉर्ड भी किया था और इसे नीलाक्ष आइच के साथ साझा किया था. आइच पश्चिम बंगाल के 'साम्यवादी सुभाष' नामक NGO से जुड़ा है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम बंगाल के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में ग्रैजुएशन द्वितीय वर्ष की छात्रा आइच से पूछताछ करने जा सकती है. सभी पांच आरोपी फेसबुक पर 'भगत सिंह फैन क्लब' पेज के जरिए जुड़े थे। एजेंसियों को शक है कि इन लोगों को कोई और गाइड कर रहा था. मनोरंजन मैसूर का रहने वाला जबकि सागर लखनऊ का, नीलम हरियाणा के जींद की रहने वाली है. अमोल महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है. सातवां शख्स महेश राजस्थान के नागौर का है.