Himachal Pradesh News: शिमला (Shimla) में हुए लैंडस्लाइड (Landslide) की चपेट में कई मकान और दुकानें आ गईं, जिससे भारी नुकसान होने की खबर है. कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है.
Trending Photos
Landslide In Shimla: हिमाचल प्रदेश में शिमला (Shimla) के समर हिल में लैंडस्लाइड (Landslide) हुआ है. इस भयानक दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे के बाद कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. लैंडस्लाइड की चपेट में कई मकान और दुकानें आ गई हैं. बता दें कि राजधानी शिमला में भी दो दिन से लगातार भारी बारिश हो रही है जिसकी वजह से जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं भी हुई हैं. शिमला-बिलासपुर नेशनल हाइवे के पास लैंडस्लाइड के कारण एक विशालकाय पेड़ सड़क पर गिरने से पूरा रास्ता ही बंद हो गया जबकि शिमला की ओर जाने वाली एक अन्य सड़क भी लैंडस्लाइड की भेंट चढ़ गई. लैंडस्लाइड की चपेट में कई घर और गाड़ियां भी आ गईं जिससे लोगों को भारी नुकसान की खबर है.
सीएम सुक्खू का बयान
सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि शिमला में आज सुबह 8.30 बजे करीब शिव मंदिर में हादसा हुआ. अभी तक 5 शव निकाले गए हैं. 20 से 25 लोग दबे हो सकते हैं. हमारा प्रयास है कि लोगों को जिंदा बचाया जा सके. 21 मौतों की पुष्टि हुई है. सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 15 अगस्त की तैयारियों में ना जाकर लोगों को बचाएं. यहां से कुछ लोगों को बचा लें तो अच्छा लगेगा.
हिमाचल में बाढ़-बारिश का कहर
पूरे हिमाचल प्रदेश में 2 नेशनल हाइवे सहित 452 रास्ते बंद हैं. मंडी जिले में सबसे ज्यादा 233 मार्ग बंद हैं. जबकि शिमला जिले की 60 सड़कें बंद हैं. इन सड़कों के बंद होने की वजह से आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित है. बाढ़-बारिश की वजह से 1,800 से अधिक ट्रांसफार्मर खराब हैं, जिससे बड़े हिस्से में बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इसके कारण लाखों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
अब तक हुई इतने लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश के दर्जनों गांवों और शहरों में बाढ़ का कहर है. कई मकानों में मलबा भरा हुआ है. लोगों को पीने के पानी की भी दिक्कत हो रही है. अगस्त में आई इस आफत से हिमाचल की जनता कुदरत की मार से किस कदर त्रस्त है, ये यहां का हाल बता रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 24 जून से 12 अगस्त के बीच बाढ़-बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में 255 लोगों ने अपनी जान गंवाई. अब तक 935 घर नष्ट हो चुके हैं. वहीं, 7 हजार 758 घरों को नुकसान पहुंचा है. लैंडस्लाइड की भी 87 घटनाएं हो चुकी हैं.
हिमाचल में हालात खराब
जाहिर है हिमाचल के सुक्खू सरकार के लिए इस आपदा से निपटना आसान नहीं होगा. हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से तमाम मदद मुहैया कराई जा रही है. मगर जुलाई की शुरुआत से लेकर अगस्त में अब तक यानी पिछले दो महीने में हिमाचल प्रदेश के हालात इतने खराब हो चुके हैं कि देवभूमि को पहले जैसी स्थिति में आने के लिए एक साल का वक्त लग सकता है.