आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में रासायनिक संयंत्र में हुए गैस रिसाव ने पलक झपकते ही कई जिंदगियों को खत्म कर दिया. अब तक 11 लोगों की मौत हुई है और 1,000 से अधिक अस्पताल में भर्ती हैं.
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नई दिल्ली: आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में रासायनिक संयंत्र में हुए गैस रिसाव ने पलक झपकते ही कई जिंदगियों को खत्म कर दिया. अब तक 11 लोगों की मौत हुई है और 1000 से अधिक अस्पताल में भर्ती हैं. आइए जानते हैं उस कंपनी के बारे में जिसके संयंत्र में रिसाव हुआ. एलजी पॉलिमर (LG Polymers) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड प्लास्टिक रेज़िन और सिंथेटिक फाइबर मैन्युफैक्चरिंग उद्योग का हिस्सा है. इसका मालिकाना हक दक्षिण कोरियाई बैटरी निर्माता LG केमिकल लिमिटेड के पास है. कंपनी पॉलिमर के क्षेत्र में विकास, निर्माण और सेवाओं से जुड़े कामकाज देखती है.
LG केमिकल ने 100 प्रतिशत अधिग्रहण द्वारा हिंदुस्तान पॉलिमर के माध्यम से भारत में प्रवेश किया और जुलाई 1997 में उसका नाम बदलकर LG पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (LGPI) रखा गया.1961 में स्थापित हिंदुस्तान पॉलिमर विशाखापट्टनम में पॉलिस्ट्रीन जिसे हल्के प्रकार की प्लास्टिक भी कहते हैं, के साथ ही सह-पॉलिमर के निर्माण में शामिल थी. बाद में 1978 में कंपनी का UB Group के स्वामित्व वाली Mc Dowell & Co. Ltd. के साथ विलय हो गया.
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LGPI का कहना है कि वह भारत में Polystyrene और एक्सपेंडेबल Polystyrene के अग्रणी निर्माताओं में से एक है. कंपनी सामान्य इस्तेमाल की पॉलिस्ट्रीन, एक्सपेंडेबल पॉलिस्ट्रीन और इंजीनियरिंग प्लास्टिक कंपाउंड बनाती है. गौरतलब है कि विशाखापट्टनम के आर.आर. वेंकटपुरम गांव में रात करीब ढाई बजे एल.जी पॉलिमर उद्योग में रासायनिक गैस लीक हो गई. इस कारण वहां मौजूद लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया. अब तक 11 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने हालात का जायजा लेने के लिए आपदा प्रबंधन की बैठक भी बुलाई है.
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