महिलाओं की बराबर भागीदारी तय करना कर्तव्य और न्यू इंडिया का सपना: पीएम मोदी के 'मन की बात'
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महिलाओं की बराबर भागीदारी तय करना कर्तव्य और न्यू इंडिया का सपना: पीएम मोदी के 'मन की बात'

स्वच्छता पर लोगों की ओर से उठाए जा रहे कदमों की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने झारखंड की उन 15 लाख महिलाओं का जिक्र किया जिन्होंने एक महीने तक स्वच्छता अभियान चलाया.

महिलाओं की बराबर भागीदारी तय करना कर्तव्य और न्यू इंडिया का सपना: पीएम मोदी के 'मन की बात'

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार (25 फरवरी) को 'मन की बात' कार्यक्रम में स्वच्छता पर जोर दिया तथा विकास एवं महान वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं की बराबर भागीदारी सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य और न्यू इंडिया का सपना है. प्रधानमंत्री ने देश के कई महान वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए लोगों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की बधाई दी. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की बराबरी की भागीदारी सुनिश्चित करना हम सबका कर्तव्य, जिम्मेवारी और न्यू इंडिया का सपना है. उन्होंने सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 100 वर्ष पूरा करने वाली महिलाओं के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किये जाएं.

  1. रेडियों पर 41वीं बार पीएम मोदी के 'मन की बात' 
  2. मोदी ने 'मन की बात' की शुरुआत में वैज्ञानिकों को याद किया.
  3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारी शक्ति को किया नमन.

स्वच्छता पर उठाए गए कदमों की तारीफ
स्वच्छता पर लोगों की ओर से उठाए जा रहे कदमों की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने झारखंड की उन 15 लाख महिलाओं का जिक्र किया जिन्होंने एक महीने तक स्वच्छता अभियान चलाया. गोबर्धन योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मवेशियों के गोबर से बायो गैस और जैविक खाद बनाई जाएगी. उन्होंने लोगों से कचरे और गोबर को आय का स्रोत बनाने की अपील की. मोदी ने कहा, "गोबर धन के तहत ग्रामीण भारत में किसानों, बहनों, भाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे गोबर और कचरे को सिर्फ कचरे के रूप में नहीं, बल्कि आय के स्रोत के रूप में देखें." 

उन्होंने कहा कि गोबर धन योजना की सुचारू व्यवस्था के लिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भी बनाया जाएगा, जो किसानों को खरीदारों से जोड़ेगा, ताकि किसानों को गोबर और कृषि के अपशिष्ट का सही दाम मिल सके. मोदी ने कहा, "मैं आपको आमंत्रित करता हूं कि 'क्लीन एनर्जी एवं ग्रीन जॉब्स' के इस आंदोलन के भागीदार बनें. अपने गांव में वेस्ट को वेल्थ में परिवर्तन करने और गोबर से गोबर-धन बनाने की दिशा में पहल करें."

कचरा महोत्सव का जिक्र
मोदी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित कचरा महोत्सव का जिक्र किया और इसे सराहनीय कदम बताया. भारत को जोखिम के प्रति सतर्क समाज बनने की जरूरत पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सतर्क रहकर और आवश्यक नियमों का पालन करके लोग अपने जीवन की रक्षा करने के साथ साथ बहुत बड़ी दुर्घटनाओं को भी टाल सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह न सोचें कि सुरक्षा किसी और के लिए है, अगर हम सब अपनी सुरक्षा के लिए सजग हो जाएँ तो समाज की सुरक्षा का भाव भी अन्तर्निहित होता है. अगर हम सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं, तो हम सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं.’’ उन्होंने कहा कि आपदा के लिए काम करने वाला एनडीएमए हमेशा प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयार रहता है. वह लोगों को भी इसका प्रशिक्षण दे रहा है.

वैज्ञानिकों को किया याद
मोदी ने 'मन की बात' की शुरुआत में वैज्ञानिकों को याद किया. उन्होंने कहा, ‘‘इस देश ने विज्ञान के क्षेत्र में कई महान वैज्ञानिकों को जन्म दिया है. एक तरफ महान गणितज्ञ बौधायन, भास्कर, ब्रह्मगुप्त और आर्यभट्ट की परंपरा रही है. वहीं, दूसरी ओर चिकित्सा के क्षेत्र में चरक और सुश्रुत हमारे गौरव हैं . सर जगदीश चंद्र बोस और हरगोविंद खुराना से लेकर सत्येंद्र नाथ बोस जैसे वैज्ञानिक भारत के गौरव हैं.’’ उन्होंने कहा-"क्या कभी हमने सोचा है कि नदी हो या समुद्र हो, इसमें पानी रंगीन क्यों हो जाता है ? यही प्रश्न 1920 के दशक में एक युवक के मन में आया था. इसी प्रश्न ने आधुनिक भारत के एक महान वैज्ञानिक को जन्म दिया."

मशीनों के इस्तेमाल पर जोर
मानव कल्याण में मशीनों के इस्तेमाल की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से रोबोट्स, बोट्स और विशिष्ठ कार्य करने वाली मशीनें बनाने में मदद मिलती है. आजकल मशीनें स्व शिक्षा से बुद्धिमता को और बेहतर बनाती जाती हैं. ऐसे में विज्ञान और मशीनों का विकास मानव कल्याण में होना चाहिए.

नारी शक्ति को नमन
प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति को नमन करते हुए कहा, "नारी शक्ति ने खुद को आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने खुद के साथ ही देश और समाज को भी आगे बढ़ाने और एक नए मुकाम पर ले जाने का काम किया है. आखिर हमारे ‘न्यू इंडिया’ का सपना यही तो है. हम उस परंपरा का हिस्सा हैं, जहां पुरुषों की पहचान नारियों से होती थी. यशोदा- नंदन, कौशल्या- नंदन, गांधारी-पुत्र... यही पहचान होती थी किसी बेटे की."

मोदी ने कहा कि एलीफेंटा द्वीप के तीन गांवों में आज़ादी के 70 वर्ष बाद बिजली पहुंचने से वहां के लोगों में हर्ष और उत्साह है. यहां के तीन गांव राजबंदर, मोरबंदर और सेंतबंदर के लोगों की जिंदगी में जो अंधेरा छाया था वह अब छंट चुका है. प्रधानमंत्री ने देशवासियों को शिवरात्रि और होली की शुभकामनाएं दी.

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