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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार (आज) को सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट (Central Vista Project) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए मोदी सरकार को बड़ी राहत दी. सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट को मंजूरी दे दी है. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने 2-1 के बहुमत से यह फैसला सुनाते हुए कहा कि पीठ सरकार को इस योजना के लिए मंजूरी दे रही है.
सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट (Central Vista Project) के खिलाफ याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी देते समय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई सिफारिशों को बरकरार रखते हैं और निर्माण के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखा जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि काम शुरू करने से पहले धरोहर संरक्षण समिति की स्वीकृति लेना जरूरी होगा. इसके अलावा कोर्ट ने प्रोजेक्ट एरिया में निर्माण के दौरान स्मॉग गन और स्मॉग टॉवर लगाने के लिए कहा है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 7 दिसंबर को याचिकाओं पर सुनवाई की थी और संसद भवन के शिलान्यास को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 10 दिसंबर को नए संसद भवन की इमारत का शिलान्यास किया था. कोर्ट ने कहा था कि उसे शिलान्यास करने पर कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि कोर्ट ने इसके साथ ही कहा था कि अंतिम फैसला आने तक कोई निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम नहीं होगा.
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दिल्ली में राजपथ के दोनों तरफ के इलाके को सेंट्रल विस्टा कहते हैं. इसके अतर्गत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के करीब प्रिंसेस पार्क का इलाका आता है. सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के इस पूरे इलाके को रेनोवेट करने की योजना को कहा जाता है. इसी प्रोजेक्ट के तहत नए संसद परिसर का निर्माण किया जाना है. इसमें 876 सीट वाली लोकसभा, 400 सीट वाली राज्यसभा और 1224 सीट वाला सेंट्रल हॉल बनाया जाएगा.
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