PM नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि कोरोना ने देश को आत्मनिर्भर बनने का मंत्र दिया है.
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नई दिल्ली: PM नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि कोरोना ने देश को आत्मनिर्भर बनने का मंत्र दिया है. भारत आपदा में रोने वाला देश नहीं है. भारत संकट को अवसर में बदलने के लिए गंभीर है. आयात पर निर्भरता कम करेंगे. युवाओं को रोजगार देंगे. पीएम मोदी ने ये बातें की कोल ब्लॉक्स की शुरुआत करने के दौरान कहीं. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आज निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की गई है.
PM मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, "भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा. आपदा कितनी ही बड़ी क्यों न हो, भारत उसे अवसर में बदलने के लिए कृत-संकल्पित है. भारत इस बड़ी आपदा को अवसर में बदलेगा. कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया है. आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा. आत्मनिर्भर भारत यानि भारत आयात पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा और देश के गरीबों के कल्याण में लगाएगा."
पीएम मोदी ने कहा, "अब भारत ने कोयला और माइनिंग के सेक्टर को प्रतिस्पर्धा, पूंजी, साझेदारी और तकनीकी के लिए पूरी तरह से खोलने का बहुत बड़ा फैसला लिया है. 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए. जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया है. ऐसे कदमों के कारण कोल सेक्टर को मजबूती भी मिली."
उन्होंने आगे कहा, "एक मजबूत माइनिंग और मिनरल सेक्टर के बिना आत्मनिर्भरता संभव नहीं है क्योंकि मिनिरल और माइनिंग हमारी अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. इन रिफॉर्म्स के बाद अब कोयले का उत्पादन, पूरा कोल सेक्टर भी एक प्रकार से आत्मनिर्भर हो पाएगा."
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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "जब हम दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक में से एक हैं, तो हम सबसे बड़े एक्सपोर्टर क्यों नहीं हो सकते. यही सवाल करोड़ों भारतीयों के मन में उठता रहा है. देश के कोल सेक्टर को कैप्टिव और नॉन-कैप्टिव के जाल में उलझाकर रखा गया था. जो देश कोल रिजर्वे के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक हो, वो देश कोल का एक्सपोर्ट नहीं करता बल्कि वो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोल इंपोर्टर है."