दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचा टिड्डी दल, रास्ते में इतने जिलों में मचा चुका है आतंक
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दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचा टिड्डी दल, रास्ते में इतने जिलों में मचा चुका है आतंक

टिड्डी दल शनिवार को हरियाणा के गुड़गांव, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के सीमावर्ती क्षेत्रों और उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में पहुंच गया.

फोटो साभार: ANI

नई दिल्ली: टिड्डी दल शनिवार को हरियाणा के गुड़गांव, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के सीमावर्ती क्षेत्रों और उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में पहुंच गया. टिड्डियों के आतंक को देखते हुए प्रशासन को चेतावनी जारी करनी पड़ी, वहीं केंद्र सरकार ने कहा कि उसने स्थिति नियंत्रण के लिए और टीमें तैनात की हैं. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने पायलटों को हवाईअड्डे के आसपास टिड्डी दल को लेकर सतर्क रहने को कहा है.

पिछले करीब डेढ़ महीने से टिड्डियों का दल पाकिस्तान से झुंड में राजस्थान आ रहा है और अपने रास्ते में आने वाले राज्यों की फसलें बर्बाद कर रहा है. पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान ने केंद्र से अनुरोध किया है कि वो टिड्डियों को नष्ट करने के लिए कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव हेलीकॉप्टर से करे. हालांकि दिल्ली में टिड्डी दल ने अभी तक नुकसान नहीं पहुंचाया है.

शनिवार दोपहर के आसपास टिड्डी दल के आने से गुड़गांव के कुछ हिस्सों में आसमान ढक सा गया और कई किलोमीटर तक फैले टिड्डियों का यह झुंड रात को रेवाड़ी जिले में जाकर रुक गया. जिला प्रशासन ने शुक्रवार को ही परामर्श जारी करके लोगों को एहतियात के तौर पर अपने-अपने घरों के दरवाजें और खिड़कियां बंद रखने को कहा था. इसके बावजूद पेड़ों, छतों और पौधों पर बैठे टिड्डी दल से लोग चिंतित हैं और कई लोगों ने अपने घरों की बालकनी से बनाए गए वीडियो भी शेयर किए.

टिड्डी दल दक्षिणी दिल्ली के द्वारका और असोला भाटी में भी शनिवार को दिखा. टिड्डियों के गुड़गांव पहुंचने के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उनके संभावित हमले से निपटने की रणनीति बनाने के लिए आपात बैठक बुलाई थी.

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दिल्ली सरकार ने सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है और सभी जिला अधिकारियों से कहा है कि टिड्डियों के संभावित हमले से निपटने के लिए वे दमकल विभाग के साथ मिलकर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.

दिल्ली विकास आयुक्त की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है कि निवासी तेज आवाज करके जैसे ढोल या बर्तन बजाकर, तेज आवाज में संगीत बजाकर, पटाखे जलाकर या नीम के पत्ते जलाकर इन टिड्डियों को अपने घरों से दूर रख सकते हैं.

इसके अलावा लोगों से अपने-अपने घरों के दरवाजें-खिड़कियां बंद रखने और बाहर लगे पौधों को प्लास्टिक की चादर से ढंकने को कहा गया है.

बता दें कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 29 मई को टिड्डी दलों से निपटने के लिए पायलटों और इंजीनियरों आदि के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. डीजीसीए का कहना है कि टिड्डियों से विमान को उड़ान भरते हुए और आपात स्थिति में उतरते वक्त खतरा हो सकता है.

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अधिकारियों का कहना है कि हवा की दिशा बदलने के साथ ही टिड्डियों का दल उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गया है, गुड़गांव के आसपास फसलों को नुकसान की सूचना नहीं है. टिड्डियों का एक बहुत बड़ा झुंड राजस्थान के झुंझुनू से आया था लेकिन शुक्रवार की शाम कीटनाशक के स्प्रे से उनमें से करीब एक तिहाई हरियाणा के रेवाड़ी में मारे गए. उसके बाद टिड्डी दल तीन झुंडों में बंटकर उत्तर प्रदेश की ओर चला गया. एक झुंड गुडगांव की तरफ आया वहां से वह फरीदाबाद होते हुए उत्तर प्रदेश की ओर चला गया.

एक दूसरा दल दिल्ली में द्वारका में घुसा और वहां से वह दौलताबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद होते हुए उत्तर प्रदेश चला गया. तीसरा समूह हरियाणा के पलवल में दिखा था लेकिन वह भी वहां से उत्तर प्रदेश चला गया है.

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