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नई दिल्ली: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस (Congress) पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है. हाल ही में हुए विधान सभा चुनावों में कांग्रेस के हाथ से पंजाब फिसला तो यूपी, मणिपुर और गोवा में भी उसका प्रदर्शन शर्मनाक रहा. ऐसे हालातों के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सबसे लंबे समय तक पार्टी के अध्यक्ष पर रहने का रिकॉर्ड बनाया है.
भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की 1991 में हुई हत्या के बाद पीवी नरसिम्हा राव (P.V.Narasimha Rao) और सीताराम केसरी (Sitaram Kesri) जैसे दिग्गज नेताओं ने पार्टी की कमान संभाली थी. उस दौरान पार्टी में फैली कलह और कई बड़े नेताओ की मांग पर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने 14 मार्च 1998 पार्टी अध्यक्ष का पदभार संभाला था. जिसके बाद वो काफी लंबे समय तक पार्टी की अध्यक्ष रहीं. हालांकि 2017 में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ताजपोशी हुई. लेकिन वो दो साल ही अध्यक्ष रह सके क्योंकि 2019 के आम चुनावों में हार के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया था. इस घटनाक्रम के कारण सोनिया गांधी को एक बार फिर हॉट सीट पर लौटना पड़ा.
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गौरतलब है कि 1991 में अपने पति राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी में सक्रिय भूमिका का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. हालांकि कुछ सालों के बाद उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओ के कहने पर 1997 में कोलकाता अधिवेशन के दौरान पार्टी की प्राथमिक सदस्यता हासिल की, और कुछ महीने के बाद ही सर्व सम्मति से पार्टी की अध्यक्ष चुन ली गईं.
मूल रूप से विदेशी जमीन पर पली बढ़ीं सोनिया गांधी भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी से शादी के बाद भारत आईं. उनके विदेशी मूल का मुद्दा देश में अक्सर उठता रहा है.
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एक बार जब उनका विरोध काफी बढ़ गया तब सोनिया ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) को लिखे एक पत्र मे कहा- 'हालांकि, मैं विदेशी धरती पर पैदा हुई हूं, मैंने भारत को अपना देश चुना है और आखिरी सांस तक मैं भारतीय ही रहूंगी. भारत मेरी मातृभूमि है और यह मुझे अपने जीवन से ज्यादा प्यारी है.'
17 अप्रैल 1999 को सिर्फ एक वोट से केंद्र में बीजेपी (BJP) की अगुवाई वाली एनडीए (NDA) सरकार के गिरने के बाद सोनिया गांधी ने 21 अप्रैल को राष्ट्रपति केआर नारायणन से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा किया. राष्ट्रपति भवन की उस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा- 'हमारे पास 272 का आंकड़ा है वहीं कुछ और लोग भी हमारे साथ आ रहे हैं.' लेकिन समाजवादी पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कह दिया कि वो कांग्रेस को समर्थन नहीं दे रहे हैं. ये सोनिया गांधी के लिए बड़ा झटका था. वो सपा और लेफ्ट के समर्थन से सरकार बनाना चाहती थीं.
वहीं 2004 में जब अटल बिहारी वाजपेयी देश में सबसे लोकप्रिय नेता के तौर पर उभरे और बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए की चारों ओर चर्चा थी उस दौरान सोनिया और कांग्रेस के सहयोगी दलों ने NDA के 'फील गुड' और इंडिया शाइनिंग की हवा निकाल कर रख दी थी. ये बतौर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का पहला प्रयास था जब संयुक्त प्रगतिशील सरकार (UPA) के बैनर तले कई छोटी क्षेत्रीय पार्टियां एक साथ आगे आईं. सोनिया गांधी के इस प्रयोग ने ऐसा कमाल किया जिससे 2004 से ले कर 2014 तक कांग्रेस पार्टी के पास देश की कमान रही.
2017 से 2019 तक राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान संभाली. लेकिन पार्टी के भीतर चल रही अंतर्कलह के चलते उन्होंने जब इस्तीफा दे दिया तो सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर एक बार फिर कांग्रेस की कमान संभाली. इस तरह सोनिया गांधी करीब 22 साल कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं. गांधी-नेहरू परिवार के बाकी सदस्यों का कार्यकाल जोड़ लें तो भी ये उससे ज्यादा है. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और राहुल गांधी मिलकर भी करीब 21 साल तक पार्टी अध्यक्ष रहे हैं. ऐसे में सोनिया गांधी कांग्रेस की सबसे ज्यादा लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाली पहली नेता बन गई हैं. हालांकि अगस्त 2019 के बाद से वह पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कामकाज देख रही हैं.