Ganesh Statue in Mosque: 'मस्जिद में रखी भगवान गणेश की मूर्तियां नहीं हटाई जाएंगी'
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Ganesh Statue in Mosque: 'मस्जिद में रखी भगवान गणेश की मूर्तियां नहीं हटाई जाएंगी'

Lord Ganesh Statue in Quwwatul Islam Masjid: दिल्ली के कुतुब मीनार परिसर में मौजूद कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद (Quwwatul Islam Masjid) में रखी भगवान गणेश (Lord Ganesh) की मूर्तियों को वहां से अभी नहीं हटाया जाएगा.

Ganesh Statue in Mosque: 'मस्जिद में रखी भगवान गणेश की मूर्तियां नहीं हटाई जाएंगी'

Statues of Lord Ganesh kept in the mosque will not be removed: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि कुतुब मीनार परिसर में मौजूद कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद (Quwwatul Islam Masjid) में रखी भगवान गणेश (Lord Ganesh) की मूर्तियों को वहां से अभी नहीं हटाया जाएगा. दरअसल मस्जिद परिसर के अंदर हिंदू देवताओं की पुर्नस्थापना और पूजा अर्चना के अधिकार को लेकर याचिका दायर करने वालों ने नई अर्जी दाखिल कर कोर्ट से मांग की थी कि मस्जिद परिसर से गणेश जी की मूर्तियों को नहीं हटाया जाना चाहिए.

मस्जिद परिसर में मौजूद हैं हिंदू देवताओं की मूर्तियां

कुव्वत इस्लाम मस्जिद में तीर्थंकर ऋषभदेव , भगवान विष्णु, गणेश जी, शिव-गौरी, सूर्य देवता समेत कई हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मौजूद हैं. इनमें से ज्यादातर मूर्तियां खंडित अवस्था में हैं. मस्जिद के बाहर लगे ASI के बोर्ड पर भी लिखा है कि ये मस्जिद 27 हिंदू जैन मंदिरों को तोड़कर उनके अवशेषों से बनाई गई हैं. इसको लेकर साकेत कोर्ट में याचिक दायर हुई थी. 

कोर्ट में भगवान को बनाया गया याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ता ने मस्जिद परिसर में मौजूद मूर्तियों, ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हए वहां हिंदू देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा-अर्चना का अधिकार दिए जाने की मांग की थी. जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव और भगवान विष्णु को इस मामले में याचिकाकर्ता बनाया गया था.

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कोर्ट में पेंडिंग है मस्जिद में पूजा करने की मांग

नेशनल मॉन्यूमेंट अथॉरिटी (NMA) ने मूर्तियां को नेशनल म्यूजियम में ट्रांसफर करने के लिए पत्र लिखा था. आपको बता दें कि मस्जिद परिसर के अंदर मौजूद देवी देवताओं की पूजा के अधिकार की मांग अभी कोर्ट में पेंडिंग ही है. लेकिन इसी बीच नेशनल मॉन्यूमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन तरुण विजय ने संस्कृति मंत्रालय को लिखे पत्र में वहां मौजूद गणेश जी की मूर्तियों को वहां से हटाने की मांग की थी. 

मस्जिद में हो रहा मूर्तियों का अपमान

25 मार्च को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि ये बहुत शर्मनाक बात है कि मस्जिद परिसर के अन्दर भगवान गणेश जी की मूर्तियां बेहद अपमानजनक स्थिति में रखी हैं. एक मूर्ति ऐसी जगह है, जहां लोगो के पैर लगते हैं, वहीं दूसरी जाली में बंद है. उन्हें वहां से हटाकर नेशनल म्यूजियम जैसी दूसरी जगह रखा जा सकता है.

'ASI को नहीं अधिकार'

आपको बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन ने दलील दी कि ये वाकई शर्मनाक बात है कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक भगवान गणेश की मूर्तियां मस्जिद परिसर में इस कदर दयनीय अवस्था में पड़ी हैं. लेकिन NMA ने इस मामले में सुझाव दिया कि इन मूर्तियों को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की जगह मस्जिद परिसर के अन्दर ही सम्मानजनक स्थिति में रखा जाना चाहिए. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने इस जगह हिंदू देवी देवताओं की पुर्नस्थापना और पूजा-अर्चना के अधिकार को लेकर याचिका दायर की है. इस लिहाज से वहां मौजूद तमाम मूर्तियां केस प्रोपर्टी हैं. लिहाजा ASI को कोई अधिकार नहीं बनता कि वो मूर्तियों को वहां से कोई दूसरी जगह ले जाएं. बल्कि ASI की जिम्मेदारी बनती है कि मूर्तियों को सम्मानजनक अवस्था में रखा जाए.

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कोर्ट ने दिया आदेश

साकेत कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों की दलील से सहमति जताते हुए ASI को निर्देश दिया कि मस्जिद परिसर से भगवान गणेश की मूर्तियों को न हटाया जाए.

(इनपुट- अरविंद सिंह)

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