1974 से पहले मुख्यमंत्री नहीं फहराते थे तिरंगा, करुणानिधि ने शुरू की थी परंपरा
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1974 से पहले मुख्यमंत्री नहीं फहराते थे तिरंगा, करुणानिधि ने शुरू की थी परंपरा

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के दिवंगत अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्रियों द्वारा झंडा फहराने की पंरपरा की बुनियाद रखी थी. 

एम करुणानिधि का बीते 7 अगस्त को निधन हो गया था (फाइल फोटो)

चेन्नई : 72वां स्वतंत्रता दिवस देशभर में धूमधाम से मनाया गया. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्र ध्वज फहराया, वहीं तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने-अपने राज्यों की राजधानियों में ध्वजारोहण किया. 1974 से पहले मुख्यमंत्री तिरंगा नहीं फहराते थे. 

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के दिवंगत अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्रियों द्वारा झंडा फहराने की पंरपरा की बुनियाद रखी थी. देश के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राज्यों में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर केवल राज्यपाल ही झंडा फहराते थे.

1974 में करुणानिधि ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के तौर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दिल्ली में इस बारे में अलग मापदंड का हवाला देते हुए पत्र लिखा था. करुणानिधि ने कहा था कि गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं और स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ऐसा करते हैं.

उन्होंने इंदिरा गांधी से कहा था कि मुख्यमंत्रियों को भी स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे को फहराने का अवसर मिलना चाहिए. करुणानिधि की सलाह को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया था और इसे लागू करने के लिए सभी राज्य सरकारों को सूचित कर दिया गया.

(इनपुट आईएएनएस से)

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