कमलनाथ ने किसान प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा, ‘‘हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर समस्या का समाधान त्वरित गति से तत्परता के साथ हो.’’
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भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए बुधवार को राज्य-स्तरीय समिति का गठन करने की घोषणा की है. यह समिति सरकार और किसानों के बीच समन्वय का काम करेगी. मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद किसान संगठन ने एक जून से प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने यहां भारतीय किसान मजदूर महासंघ के प्रदेश के सभी 50 जिलों से आए किसान प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद की. मुख्यमंत्री ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अमल की समस्याओं के समाधान के लिए जिला-स्तर पर अपील कमेटी भी गठित करने के निर्देश दिए.
कमलनाथ ने किसान प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा, ‘‘हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर समस्या का समाधान त्वरित गति से तत्परता के साथ हो.’’ उन्होंने कहा कि किसानों की क्रय शक्ति बढ़ने से ही प्रदेश की तरक्की संभव है. प्रदेश में व्यवसाय विशेषकर छोटे-छोटे व्यवसाय कृषि पर आधारित हैं. किसान कर्ज मुक्त रहे और उनकी क्रय शक्ति बढ़े, इस दिशा में ऋण माफी हमारा पहला कदम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋण माफी को लेकर कुप्रचार किया गया लेकिन हम उसकी परवाह नहीं करते. ऋण माफी की प्रक्रिया में जो व्यवहारिक कठिनाइयां आई हैं और किसानों के बीच इसको लेकर जो भ्रम हैं, उसे दूर करने के लिए शासन तत्पर है.
कमलनाथ ने सब्जी, फल और दूध उत्पादक किसानों की समस्याओं के समाधान में विशेष दिलचस्पी दिखाते हुए कहा कि इस संबंध में शासन स्तर पर एक अलग से बैठक होगी जिसमें वे स्वयं उपस्थित रहकर फल, सब्जी और दूध उत्पादक किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे.
उन्होंने कहा कि ऋण माफी की प्रक्रिया में एक उल्लेखनीय पहल सरकार ने यह की है कि जिन किसानों का दो लाख से अधिक फसल ऋण है उसमें दो लाख तक का ऋण तो सरकार की योजना के तहत माफ होगा. शेष ऋण राशि का 50 प्रतिशत अगर किसान जमा करता है तो उसका बाकी का 50 प्रतिशत ऋण माफ हो जाएगा. उन्होंने कहा,‘‘इस संबंध में सरकार की बैंकों से बात हो चुकी है.’’
भारतीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ किसानों से संवाद की पहल करने वाले पहले मुख्यमंत्री है. जब कमलनाथ केन्द्रीय मंत्री थे तो उन्होंने भारतीय किसानों के हितों में संरक्षण के लिए डब्ल्यू.टी.ओ. जैसे वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता के साथ लड़ाई लड़ी, जिससे गेहूं, चना, कपास सहित कई उपजों का आयात तो रुका ही भारतीय किसानों की उपज का निर्यात भी संभव हो पाया. उन्होंने किसानों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी माँग बहुप्रतीक्षित है.
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष देव नारायण पटेल ने किसानों के प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री के साथ हुई चर्चा को संवाद का सार्थक प्रयास बताया. उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद हमें यह विश्वास हुआ है कि सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान
के लिए तत्पर और संवेदनशील है. पटेल ने एक जून से प्रस्तावित किसानों की हड़ताल वापिस लेने की घोषणा भी की.