Sheopur Vidhan sabha: 2018 में चुनाव जीतने के बाद पांच सालों तक हमेशा सुर्खियों में रहे कांग्रेस के एक प्रत्याशी चुनाव नतीजों से पहले गुरू की शरण में पहुंच गए हैं.
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MP Chunav 2023: मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को सभी 230 सीटों के लिए मतदान संपन्न हो गया. मतदान के बाद से रिजल्ट के बीच के समय को आम तौर पर प्रत्याशी थकान मिटाने में बिताते हैं, क्योंकि प्रचार के दौरान जमकर भागदौड़ी हो जाती है. एमपी में मतदान खत्म होने के बाद लगभग ऐसा ही हो रहा है. लेकिन हमेशा सुर्खियों में रहने वाले एक कांग्रेस विधायक चुनाव नतीजों से पहले गुरू की शरण में पहुंच गए हैं. वह पिछले पांच साल तक अपने बयानों और अपने कामों से चर्चा में रहे हैं. प्रचार के दौरान भी उनका अंदाज अनोखा था.
गुरू की शरण में पहुंचे बाबू जंडेल
दरअसल, श्योपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बाबू जंडेल नतीजों से पहले गुरू का आशीर्वाद लेने पहुंचे. उन्होंने गुरू से फिर से जीत का आशीर्वाद मांगा है. बाबू जंडेल ने 2018 में बीजेपी के दुर्गालाल विजय को हराकर चुनाव जीता था. इस बार भी उनका मुकाबला बीजेपी के दुर्गालाल विजय से ही है.
चर्चा में रहे बाबू जंडेल
बाबू जंडेल पिछले पांच साल तक हमेशा चर्चा में रहे हैं. विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने अपने कपड़े फांड़ लिए थे. तो विधानसभा क्षेत्र में बिजली के खंभे पर चढ़कर बिजली ठीक करते हुए नजर भी आए थे. इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही सोनिया गांधी को भारत रत्न देने की मांग भी की थी. बाबू जंडेल अपने बयानों से भी हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. जबकि उन्होंने इस बार भी प्रचार के दौरान ऊंट पर बैठकर वोट मांगे थे. ऐसे में अब अचानक से उनका गुरू की शरण में जाना भी चर्चा में हैं.
श्योपुर में शांतिपूर्ण रहा मतदान
श्योपुर जिले में विधानसभा की दो सीटें आती हैं, ऐसे में जिले में छुटपुट घटनाओं को छोड़ दे तो मतदान शांतिपूर्ण रहा. जिले में काउंटिंग की तैयारी चुनाव आयोग ने पूरी कर ली है. सभी विधानसभा सीटों पर ईवीएम और बैलेट बॉक्स को कड़ी सुरक्षा के बीच उचित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
श्योपुर में कांग्रेस प्रत्याशी बाबू जंडेल अपने गुरू की शरण में पहुंच गए हैं तो बीजेपी प्रत्याशी दुर्गालाल विजय अपने पोलिंग एजेंटो के साथ वोटिंग के आंकड़े के चलते खुद की जीत का दम भर रहे हैं. दोनों प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. लेकिन यह बात भी सही है कि नतीजों से पहले सबकी धड़कने जरूर बढ़ी हुई हैं. ऐसे में 3 दिसंबर को किसकी जनता की अदालत में किसकी किस्मत खुलेगी यह तो देखने वाली बात होगी.